Nishi Singh Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nishi Singh 8 Jul 2021 · 1 min read उड़ान उड़ान _______ दाना चोंच में देकर तूने किया उनको बड़ा उड़ चले नीड़ से ये परिंदे हौसला उड़ने का जो हुआ आंधी झेली पानी झेला झेला पूरा फैला आसमां पंखों... Hindi · कविता 2 2 608 Share Nishi Singh 6 Jul 2021 · 1 min read गरीबी गरीबी ++++ गरीबी की जात नहीं होती वो अभिशाप है जिसे मिलती है सारा कुछ आधा अधूरा देती है न भरपेट अनाज मिलता है तन पर वस्त्र न पूरा न... Hindi · कविता 4 1 332 Share Nishi Singh 6 Jul 2021 · 1 min read बेरोजगार बेरोजगार ++++++ महसूस होता है धरती का भार हूॅं मैं बेरोजगार हूॅ मां-बाप के सपनों का लिया हुआ उधार हूॅं मैं बेरोजगार हूॅ बहन की शादी के टूटे सपने का... Hindi · कविता 1 1 308 Share Nishi Singh 27 Dec 2020 · 1 min read विराम क्यों? विराम क्यों? कहा था किसी फकीर ने होता नही कुछ भी यहां उसकी मर्जी के बिना चाहे ज़मी हो आसमाँ तो सवाल अब ये उठ रहा क्यों आज कल कहो... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 53 66 2k Share