Nishant prakhar Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nishant prakhar 8 May 2023 · 1 min read *शीत वसंत* शीत के वसंत वो, हवा के ठंडक जो , ओंसो का चादर हो , शीतों का बारीश करें। शीतों के हवा के झोके , कन-कनाक के महसूस हो । पानी... Hindi · कविता · वसंत · हिंदी कविता 2 222 Share Nishant prakhar 7 May 2023 · 1 min read *चुन मुन पर अत्याचार* 【¡】*चुन मुन पर अत्याचार* क्यों खाली है मौदान ? क्यों नहीं उड़ती पंतग ? क्यों नहीं होती तारों की गीनती ? क्यों नहीं मिलती इन चुनमुन की टोली ? क्या... Hindi · कविता · बाल अत्याचार · हिंदी कविताएं 3 356 Share Nishant prakhar 6 May 2023 · 1 min read काले समय का सवेरा । सवेरे की चाह मे, कहीं देर न हो जाए । समय का कहीं , सवेर ना हो जाए , वो रात नहीं दिन होगा । पल - पल लम्हें गुजारेगे... Hindi · कविता · काले समय · निशांत प्रखर · सफल निशाचर 2 266 Share Nishant prakhar 6 May 2023 · 1 min read * वक्त की समुद्र * * वक्त की समुद्र * वक्त की समुद्र से, कुछ पल मेरे लिए हो । बस कुछ पल की ही तो जरूरत है, सारी तकदीर सुनाने को । मंजील की... Hindi · कविता · जिंदगी-दो-पल-की · समय से बातचीत 2 352 Share Nishant prakhar 6 May 2023 · 1 min read भ्रमन टोली । निकल परी है, टोली हाथों में ले कर झोली , हम सब के छोड़ा होड़ी में, छोड़ी है बोरा-झोड़ा । शुरू हुए है, बस की सवारी। दृश्य देखी है, बाहरी... Hindi · कविता · यात्रा वृत्तांत 2 338 Share Nishant prakhar 16 Feb 2023 · 1 min read राह के पथिक । राह के पथिक हैं ,हम सच्चाई से नहीं कतराते हैं । राह पर फूलों से नहीं , पत्थर का सामना करके आते हैं। नदियां पहाड़ के जटिल रास्ते से, हम... Hindi · कविता · नवोदियन कवि · हिंदी कविता 1 209 Share Nishant prakhar 16 Feb 2023 · 1 min read वक्त रहते सम्हल जाओ । चलो अब खड़ा हो लो अपने कदमों पर, पापा के सहारे तो सब खड़ा होते हैं। कब तक लोगे उनका सहारा , वो भी अब सहारा चाहते है । इस... Hindi · कविता · हिंदी कविता 1 310 Share Nishant prakhar 29 Oct 2022 · 1 min read *महाकाल चालीसा* *महाकाल चालीसा* जय महाकालेश्वराय नमः धरती ,आकाश ,पताल सुरक्षित कर: जगत पूजिता त्रिशूलधारी , डमरू धारी , तांडव कारी । नीलकंठ ।सिर पर चंद्र बिराजे ।। गले में सर्प धारी... Hindi · कविता · चालीसा · महाकाल · महाकाल चालीसा 8 2 403 Share Nishant prakhar 25 Oct 2022 · 1 min read बेटियों की आवाज बचा लो हमें इन दरिंदों से। खुशियों से झूम नहीं पाता हूँ, इन दरिंदों से बचा लो, हमें बहार में अकेले घूम नहीं पाता हूँ, इन दरिंदों के कारण । हमें भी देखनी है ये दुनिया... Hindi · कविता · नारी शक्ति 6 261 Share Nishant prakhar 21 Oct 2022 · 1 min read मेहनत का फल । खुशियां बन कर रह जाओगे , गलियों से यूं गुजर जाओगे । नदियों में जाकर बह जाओगे, मिट्टी में जाकर मिल जाओगे । ऐ इंसान मेहनत करने से तुम ,... Hindi · कविता 7 1 261 Share Nishant prakhar 19 Oct 2022 · 1 min read कलयुग : जंग -ए - जमाने ना रहे राजा अकबर, ना रहे राजा जयमल । अब ना होगा किले की लड़ाई रे , युधिष्ठिर और दुर्योधन ने शुरू की कलयुग की लड़ाई रे। ना रही महारानी... Hindi · कविता · जानिए बुलंद इतिहास 4 242 Share Nishant prakhar 15 Oct 2022 · 1 min read कलयुग का परिचय कलयुग के दुष्प्रभावों से तुम नहीं बच पाओगे, तुम मनुष्य जीवन नहीं जी पाओगे। तुम अपने कर्मों से शांत नहीं रह पाओगे, कलयुग के दुष्प्रभावों से तुम मनुष्य जीवन नहीं... Hindi · कविता 8 480 Share Nishant prakhar 14 Oct 2022 · 1 min read एहसास दो पल की जिन्दगी मिली , दो पल की खुशियाँ। खुशियाँ मिली तो मुस्कुराने को पर मुस्ककुराने के लिए चेहरा ना मिला। Hindi · कविता · शेर 5 188 Share Nishant prakhar 10 Oct 2022 · 1 min read एक तरफा प्यार एक तरफा प्यार इस प्यार को क्या पता, जिसे विश्वास नहीं इस प्यार का। मैं तो तुमे अपने अंजली के, लकीरों में ढूँढ़ा करता हूँ । तुम्हारे लकीरें भी जो... Hindi · कविता 6 227 Share Nishant prakhar 10 Oct 2022 · 1 min read किसी का भाई ,किसी का जान किसी का भाई ,किसी का जान बहनों का प्यारा हूँ , राज दुलारा हूँ । मस्ती का टोली लाई हूँ , किसी का भाई हूँ । दिलों का दिलवाले है,... Hindi · कविता 4 247 Share Nishant prakhar 9 Oct 2022 · 1 min read प्यार -ए- इतिहास जिंदगी में गुजरे कुछ लम्हें, इस प्रकार याद दिलाती है हमें। हमें अपनों से दूर ले जाती है । मेरी गलतियां मुझे खुद को तड़पाती है। जिंदगी में कुछ हुआ... Hindi · कविता 5 356 Share Nishant prakhar 3 Oct 2022 · 1 min read समय का महत्व । है समय का पहिया जब चलता । कष्ट रूपी धुलो को है को उड़ाता चलता। जिसने भी हुआ सवार इस पर , उसने किया कष्टों को पार । जब समय... Hindi · कविता 4 362 Share Nishant prakhar 2 Oct 2022 · 1 min read कक्षा नवम् की शुरुआत चुपके सा था मासुम सा था , वह पहला दिन था हमारा । कक्षा नवम् में खोया सा था , पाना तो था उच्च शिक्षा । आज ना कल तो... Hindi · कविता · बाल कविता 5 2 205 Share Nishant prakhar 2 Oct 2022 · 1 min read प्यार:एक ख्वाब प्यार :एक ख्वाब ये याद भी कैसी याद , जिस याद में केवल नफरत हो । पता नहीं ये प्यार भी कैसा प्यार , जिस प्यार में केवल बिछड़ना हो... Hindi · कविता 6 252 Share Nishant prakhar 1 Oct 2022 · 1 min read माँ का आँचल स्वर्ग - सा था , सुन्दर तो बहुत था । बचपन का अपना घर, माँ का वो आँचल ही तो था । कूलर-सा था, कोमल तो बहुत था । गर्मी... Hindi · कविता · संस्मरण 5 2 581 Share Nishant prakhar 1 Oct 2022 · 1 min read चिलचिलती धूप चिलचिलाती धूप ये धूप है बहारों की , ये किरणें है हजारों का । ये मौसम है चिलचिलाती , यहाँ हवा है खिलखिलाती । गर्मी का हुआ आगमन , तापमान... Hindi · कविता · बाल कविता 6 865 Share