Nidhi Agarwal 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Nidhi Agarwal 18 Nov 2018 · 1 min read माँ! तुम स्वयं उपमान हो! माँ! मेरे यह गीत सारे,आज तुझको हैं निवेदित मन के मेरे भाव निर्मल,तेरे चरणों में हैं प्रेषित शीत की ऊष्मा हो माते और हवा सा प्यार हो स्नेह का सागर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 53 1k Share