"मेरी बिटिया, मेरी बगिया का फूल"
मेरे जीवन की सूनी बगिया में, इक फूल खिला था प्यारा सा। नाज़ुक सा, गुदगुदाता सा, अपनी खुशबू से महकाता था। मुझे ममता का अहसास करवाने वाली, अपनी किलकारियों से...
"बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017