डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 1 Feb 2017 · 1 min read "मधुमास" मधुर मधुर मधुमास खिला मन पुलकित उल्लास मिला। भासमान है सूर्य बिम्ब चल रहा साथ निज प्रतिबिम्ब। प्रकृति ओढ़ी है नव दुकूल मन में उठते हैं भाव फूल। कोकिला करे... Hindi · कविता 3 3 315 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से—- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 966 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से---- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... Hindi · कविता 2 1 468 Share