दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 1 Oct 2023 · 2 min read मैं पुरखों के घर आया था पता पिता से पाया था मैं पुरखों के घर आया था एक गाँव के बीच बसा पर उसे अकेला पाया था । माँ बाबू से हम सुनते थे उस घर... Hindi · कविता · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ 8 10 1k Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 23 May 2023 · 1 min read स्मृतियों की चिन्दियाँ पाखियों सी उड़ रही हैं स्मृतियों की चिन्दियाँ, तेज झोंके हैं हवा के किधर मुडेंगी ये चिन्दियाँ। उमंग की लहरें उठातीं वो उडेंगी चिन्दियाँ, कंटकों में फंस गईं तो दंश... Poetry Writing Challenge · कविता 6 3 297 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 20 May 2023 · 2 min read कोई हमको ढूँढ़ न पाए कोई हमको ढूँढ़ न पाए आओ चलकर सीप में बैठें और मोती बन जायें हम, कोई हमको ढूँढ न पाए जी भरकर बतियाएँ हम। कहीं किसी एकांत शांत सी जगह... Poetry Writing Challenge · कविता 5 1 536 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 5 Apr 2023 · 1 min read मातृभाषा थकती हैं संवेदनाएँ जब तुम्हारा सहारा लेता हूँ, निराशा भरे पथ पर भी तुमसे ढाढ़स ले लेता हूँ, अवसाद का जब कभी उफनता है सागर मन में मैं आगे बढ़कर... Hindi · कविता 6 1 458 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 9 May 2020 · 1 min read राजनीतिक रोटियाँ दोस्तों, बहुत समय के अन्तराल के बाद एक बार फिर से आपके सन्मुख उपस्थित हूँ, हृदयाउदगार कलमबद्ध कर । आपका आशीर्वाद प्राप्त हो:- दूरबीन ले क्यों ढूंढ़ते, अपने हित की... Hindi · कविता 6 3 443 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 10 Dec 2019 · 1 min read प्रकृति वर्णन - बच्चों के लिये एक कविता धरा दिवस के लिए *प्रकृति वर्णन* सुबह उठें हम सूरज की मखमली रोशनी को पायें, चिड़ियों का संगीत सुने और फूल कोई कविता गायें ।। भंवरों का संगीत मनोहर हरियाली स्वर्ग सी है, नदियों... Hindi · कविता 5 3 560 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 1 Dec 2019 · 1 min read चलते चलते वह चलते पानी से बह जाते हैं, थोड़ा गर उनको आजमाते हैं । अपने वजूद से यूँ कतराते हैं, आइना देख के भी घबराते हैं । लब हिलते ही जान... Hindi · कविता 5 399 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 28 Nov 2019 · 1 min read प्यासा समंदर और मैं मैं प्यासा था, समंदर में, दो अंजुली प्यास, खो आया । बड़ा आरोप लगा मुझ पर, मैं अपना आप खो आया ।। समंदर नें, उदासी को, मेरी आंखों में जब... Hindi · कविता 6 1 416 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 28 Nov 2019 · 1 min read दौर जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं, वक़्त के हर मोड़ पे लड़खड़ाता हूँ, वो बन्दा ही जख्म-ए-संगीन देता है, जिसको पूरे दिल से मैं अपनाता हूँ ।। *नील... Hindi · कविता 6 2 612 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 27 Nov 2019 · 1 min read बोगेनविलिया वो बोगेनविलिया की बेल रहती थी उपेक्षित, क्योंकि थी समूह से दूर, अलग, अकेली एक तरफ; छज्जे के एक कोने में जब देती थीं सारी अन्य लताएँ लाल, पीले, नारंगी... Hindi · कविता 7 5 1k Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 27 Nov 2019 · 1 min read छब्बीस-ग्यारह (मुम्बई) _ 26/11 सागर के सीने से निकले थे, काल सरीखे नाग। मुम्बई में बरसाने आये थे, जो जहरीली आग ।। रण रिपु छेड़ रहा था लेकिन, हम थे इससे अन्जान। छब्बिस ग्यारह... Hindi · कविता 6 5 586 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 26 Nov 2019 · 1 min read अभिलाषा मेरी इस कविता पर आपके बहुमूल्य विचारों का स्वागत है । आपकी प्रतिक्रियाओं से प्रसन्नता भी होगी और प्रोत्साहन भी ।। ☺ मेरी ये अभिलाषा है, कि अपनी दोनों मुठ्ठियों... Hindi · कविता 4 2 538 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 26 Nov 2019 · 1 min read काव्य जब जहाँ में हर तरफ बस दर्द का आवास हो , या कि कितना हो प्रखर पर, दर्द का बनवास हो, दर्द और उल्लास जब , एक से दिखने लगें,... Hindi · कविता 5 1 585 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 23 Nov 2019 · 1 min read ट्रान्सफर मेरी इस कविता पर आपके बहुमूल्य विचारों का स्वागत है - ( ट्रान्सफर ) कभी नहीं हटती है, रहती है सदा चिपककर वो लिजलिजी सी हठी छिपकली कभी इस दीवाल... Hindi · कविता 5 430 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 23 Nov 2019 · 1 min read फूल और कांटे कांटों का काम है चुभते रहना, उनका अपना मिज़ाज होता है, चुभन सहकर फिर भी सीने में, कोई गुल उसका साथ देता है । @ नील पदम् 05-03-2019 Hindi · कविता 5 536 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 22 Nov 2019 · 1 min read नजरिया-ए-नील पदम् उगलो छिड़को कितना भी गरल, ये स्वभाव मेरा पर है अविरल, थक जाओगे तुम विष दे देकर, मैं वही मिलूंगा फिर भी सहकर, मन से निश्छल सपाट सरल ॥ @... Hindi · कविता 5 2 376 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 18 Nov 2019 · 1 min read सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद जब भी सर्द मौसम में तेरी, गुनगुनी याद सरसराती है । इन्द्रधनुष को खिलाने के लिये, बादलों से धूप टपक जाती है ।। जब कभी वक़्त की गली, तेरी याद... Hindi · कविता 5 2 642 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 16 Nov 2019 · 1 min read धूल में नहाये लोग क्या देखे हैं कभी? धूल में नहाये लोग, जमीन के नीचे से उठकर जब तक नहीं छूने लगीं वो इमारतें, मीनारें, अट्टालिकाएं आकाश को, घेरे रहे उनको ये धूल में... Hindi · Neelpadam · कविता · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ 6 5 624 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 16 Nov 2019 · 1 min read ओ माँ! थकती हैं संवेदनाएँ जब तुम्हारा सहारा लेता हूँ, निराशा भरे पथ पर भी तुमसे ढाढ़स ले लेता हूँ, अवसाद का जब कभी उफनता है सागर मन में मैं आगे बढ़कर... Hindi · कविता 5 502 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 15 Nov 2019 · 1 min read अनुरोध मेरी कविताओं में यदि स्वयं को पा जाओ तो रुष्ट मत होना, मेरी मंशा अपनी कविताओं में तुम्हारा नाम लिखने की कतई न थी, पर शायद, मेरी लेखनी मेरे नियंत्रण... Hindi · कविता 6 4 397 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 13 Nov 2019 · 1 min read रेल की दो टिकटें अथाह भीड़, रिजर्वेशन और टिकटें ।। सदैव दो टिकटें होती हैं मेरी जेब में ।। एक टिकट परदेस से प्रिय तक सफ़र कराती है, तुमसे मिलाती है ।। दूसरी विरह... Hindi · कविता 6 4 609 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 13 Nov 2019 · 1 min read पिता जी भीगता हूँ, सूखता हूँ, ठिठुरता हूँ , अकड़ता हूँ, पिता के जोर पर, गिरते हुए भी, फिर संभलता हूँ ।। हो तुम चीज क्या, इन्सान हो या कोई मौसम हो,... Hindi · कविता 5 1 588 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 11 Nov 2019 · 1 min read काश! मैं पाषाण होता काश! मैं पाषाण होता, मेरे ह्रदय पर कोई पाषाण तो नहीं होता, काल के आघात से विखर जाता, वेदना से छटपटाकर नहीं रोता ।। पूष की ठिठुरन होती, या जेठ... Hindi · कविता 6 4 610 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 11 Nov 2019 · 1 min read द्वंद्व दोहरी होती गयी हर चीज़ दोहरी होती जिंदगी के साथ. आस्थाएं, विश्वास, कर्त्तव्य आत्मा और फिर उसकी आवाज ।। एक तार को एक ही सुर में छेड़ने पर भी अलग-अलग... Hindi · कविता 5 4 553 Share