naman jain naman 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid naman jain naman 4 Dec 2016 · 1 min read क्रांतिकारी मुक्तक बहर- *१२२२ १२२२ १२२२ १२२२* कभी अंग्रेज़ का हमला, कभी अपने पड़े भारी। कभी तोड़ा वतन को भी, कभी गद्दार से यारी। कलम का क्रांतिकारी हूँ, यही सब आग लिखता... Hindi · मुक्तक 1k Share naman jain naman 4 Dec 2016 · 1 min read क्रांतिकारी विषय- *क्रान्तिकारी* विधा- *मुक्तक* बहर- *१२२२ १२२२ १२२२ १२२२* मिटा आज़ाद का सपना, नही आज़ाद भारत है। सभी को नोट की चाहत, वतन से भी हिक़ारत है। यहाँ सब क्रांतिकारी... Hindi · मुक्तक 325 Share naman jain naman 1 Dec 2016 · 1 min read बेरोजगारी जनसंख्या के कोप का भाजन नौजवान बन जातेे है। रोजगार की चिंता में मर अब सब किसान मर जाते है॥ सब कार्य जब यंत्र करेंगे काम कहाँ रह जायेगा। आधुनिकता... Hindi · कविता 305 Share naman jain naman 30 Nov 2016 · 1 min read रिश्ता विषय- *रिश्ता* रिश्तों का अब कत्ल हो रहा सरेआम बाज़ार में। पतन मानव का हो चला बर्ताव मे आचार में॥ बेटे ने अब माता का दूध लजाकर रख डाला। और... Hindi · कविता 337 Share