Jitendra kumar nagarwal Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Jitendra kumar nagarwal 8 Mar 2025 · 1 min read मेरी हमसफर रूहानियत के इस सफर में हम तुम्हें अपना बना लेंगे साथ न सही सानिध्य तुम्हारा पा लेंगे संस्कार नहीं मेरे तुम जैसे टूटे फूटे गुणों से तुम्हें मना लेंगे मंजिल... Hindi · कविता 50 Share