Dr MusafiR BaithA Tag: Quote Writer 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr MusafiR BaithA 24 Feb 2024 · 1 min read सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्यिक दुनिया का भी अपना एक वर्ल्ड और अंडरवर्ल्ड होता है. ~ डा. मुसाफ़िर बैठा उवाच Quote Writer 67 Share Dr MusafiR BaithA 14 Feb 2024 · 1 min read किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी जड़ मूर्ति की परस्तिश/पूजा करना मूर्खता है। Quote Writer 83 Share Dr MusafiR BaithA 11 Feb 2024 · 1 min read बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र : बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र : अपने सुख और मौज को व्यक्त करने के लिए सवर्णों ने साहित्य में कथित सौंदर्यशास्त्र ढूंढ़ा। जबकि उनका यह सौंदर्यशास्त्र अक्सर... Quote Writer 82 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jan 2024 · 1 min read मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पाती क्योंकि ऐसी कहानियों के सर्जक अपने समय के बेवकूफ टाइप के बुद्धिमान अथवा सयाने लोग होते हैं। फिर, कालांतर में... Quote Writer 45 Share Dr MusafiR BaithA 28 Jan 2024 · 1 min read अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है। अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है। Quote Writer 86 Share Dr MusafiR BaithA 10 Oct 2023 · 1 min read अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’ अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’ हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है।’ Quote Writer 358 Share Dr MusafiR BaithA 9 Sep 2023 · 1 min read भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता पसंद, नापसंद और राजनीति के हिसाब से भी हमें छोटी बड़ी लगती है। वैसे, कई बार... Quote Writer 261 Share Dr MusafiR BaithA 9 Sep 2023 · 1 min read हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है! हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है! Quote Writer 84 Share Dr MusafiR BaithA 30 Aug 2023 · 1 min read ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त ज़िंदगी को अगर स्मूथली चलाना हो तो चु...या...पा में संलिप्त रहने वालों का कहीं न कहीं आपको साथ पाना ही पड़ेगा, क्योंकि ज़िंदगी का मूल और अंतिम फलसफा यही रहना... Quote Writer 1 223 Share Dr MusafiR BaithA 27 Aug 2023 · 1 min read गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस् गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्सा करना भी छोड़ देते हैं, क्योंकि हमारे गुस्से को उर्वर जमीन निरंतर उपलब्ध होती है और हम थक कर... Quote Writer 268 Share Dr MusafiR BaithA 12 Aug 2023 · 1 min read भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास्तिक में भी भ्रष्ट आचरण और लोभ–लालच से लबलबाया पैमाना छलक सकता है। नास्तिकता या आस्तिकता नैतिकता लेकर नहीं... Hindi · Quote Writer · कोटेशन 208 Share Dr MusafiR BaithA 6 Aug 2023 · 1 min read आउट करें, गेट आउट करें आउट करें, गेट आउट करें ~~~~~~~~~~~~~~~~ सो कॉल्ड ईश्वर और उसकी/उससे प्रार्थना करने का कोई मतलब नहीं है। इन्हें जीवन से आउट और गेटआउट करें। Quote Writer 131 Share Dr MusafiR BaithA 6 Aug 2023 · 1 min read भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है। भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है। Quote Writer 2 94 Share Dr MusafiR BaithA 4 Aug 2023 · 1 min read _देशभक्ति का पैमाना_ ~देशभक्ति का पैमाना~ देशभक्ति का तिरंगा लगाने से कोई जरूरी रिश्ता नहीं है। सच तो यह है कि बात बेबात तिरंगा लहराना फूहड़पन की निशानी है, fake patriotism का प्रदर्शन... Quote Writer 239 Share Dr MusafiR BaithA 4 Aug 2023 · 1 min read मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है इधर, मन्दिर से ईश्वर का दलाल लाउडस्पीकर से न जाने क्यों, दोनों में अदृश्य दृश्य बैठे देवता के मुंह को... Quote Writer 2 234 Share Dr MusafiR BaithA 3 Aug 2023 · 1 min read किसी विमर्श के लिए विवादों की जरूरत खाद की तरह है जिनके ज़रि किसी विमर्श के लिए विवादों की जरूरत खाद की तरह है जिनके ज़रिए हम कुछ चीज़ों से नफ़रत कर सकें या कम से कम उनकी शिनाख्त कर सकें जिनसे नफ़रत... Quote Writer 169 Share Dr MusafiR BaithA 3 Aug 2023 · 1 min read प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हमें कुछ चीज़ों से नफ़रत करनी चाहिए। गैरबराबरी, शोषण या हिंसा ऐसी ही प्रवृत्तियां हैं जिनसे हमें घृणा होनी... Quote Writer 302 Share Dr MusafiR BaithA 3 Aug 2023 · 1 min read "लेखक होने के लिए हरामी होना जरूरी शर्त है।" "लेखक होने के लिए हरामी होना जरूरी शर्त है।" ~ ’हंस’ के संपादक रहे प्रख्यात साहित्यकार राजेन्द्र यादव की एक प्रस्थापना Quote Writer 229 Share Dr MusafiR BaithA 1 Aug 2023 · 1 min read भला दिखता मनुष्य भला दिखता मनुष्य भी सड़ा हो सकता है और कड़ा दिखता मनुष्य भी भला हो सकता है। महज दिखने दिखाने पर मत जाओ! Quote Writer 140 Share Dr MusafiR BaithA 1 Aug 2023 · 1 min read प्यार/प्रेम की कोई एकमत परिभाषा कतई नहीं हो सकती। प्यार/प्रेम की कोई एकमत परिभाषा कतई नहीं हो सकती। प्यार उस लोक कथा का हाथी है जिसमें हाथी के अलग अलग अंगों को छू कर हर अंधा अपने तरीके से... Quote Writer 1 257 Share Dr MusafiR BaithA 30 Jul 2023 · 1 min read ईमानदारी की ज़मीन चांद है! ईमानदारी की ज़मीन चांद है! बेईमानी की ज़मीन धरती!! Quote Writer 1 436 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jul 2023 · 1 min read संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की तरह ही है। मनचाहा पाने का संतोष भला किसको होता है, कैसे हो, क्यों हो? Quote Writer 187 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jul 2023 · 1 min read सच समाज में प्रवासी है सच समाज में प्रवासी है झूठ स्थायी निवासी है ~ डा. मुसाफ़िर बैठा Quote Writer 196 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jul 2023 · 1 min read धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं। धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं। समाज में द्वंद्व और दंगे होते हैं। note : चाहें तो 'खुल कर' को 'खौल कर' भी पढ़ सकते हैं! ~ डा. मुसाफिर... Hindi · Quote Writer 87 Share Dr MusafiR BaithA 23 Jul 2023 · 1 min read पशुओं के दूध का मनुष्य द्वारा उपयोग अत्याचार है दूध मांसाहार तो नहीं है, लेकिन यह सच है कि पशुओं के दूध का मनुष्य द्वारा खाने–पीने, धार्मिक उपयोग में लाने जाने सहित हर उपयोग उनपर, उनके बच्चों पर अत्याचार... Hindi · Quote Writer · सुविचार 181 Share Dr MusafiR BaithA 22 Jul 2023 · 1 min read इंसान VS महान इंसान VS महान इंसान बनना हमारे वश में होता है, हमें इंसान बनने, बने रहने के लिए निरंतर प्रयत्न रत होना होता है, जबकि महान बनना कतई हमारे वश में... Hindi · Quote Writer · कोटेशन 163 Share Dr MusafiR BaithA 6 Jul 2023 · 1 min read महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की बेटी’ में हास्यास्पद और उनकी अंतिम रचनाओं में से एक ’कफ़न’ में संहारक–भयानक। Quote Writer 142 Share Dr MusafiR BaithA 6 Jul 2023 · 1 min read सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना क सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना कोई भी स्त्रीवाद और पितृसत्ता विरोध फालतू की कसरत है। Quote Writer 179 Share Dr MusafiR BaithA 5 Jul 2023 · 1 min read सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता। सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता। - एक अफ्रीकी कहावत Hindi · Quote Writer 442 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jun 2023 · 1 min read किसी से दोस्ती ठोक–बजा कर किया करो, नहीं तो, यह बालू की भीत साबित किसी से दोस्ती ठोक–बजा कर करो, नहीं तो, यह बालू की भीत साबित होगी। Quote Writer 159 Share Dr MusafiR BaithA 29 Jun 2023 · 1 min read किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' में फ़र्क बना रहे! Quote Writer 2 206 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 1 min read हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए! हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए! घृणा की अपनी भावना को मैं असली ताकत समझता हूँ। - डा. अम्बेडकर Quote Writer 189 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 1 min read सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से निपटना। ये हरी घास में छुपे विषैले साँप की तरह होते हैं। Quote Writer 297 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 1 min read प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में संचरित होता है। यह भ्रम मात्र ही हो सकता है कि अमुक व्यक्ति प्रेम युक्त है,... Quote Writer 338 Share Dr MusafiR BaithA 27 Jun 2023 · 1 min read घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं? घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं? Quote Writer 2 106 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read एक बिहारी सब पर भारी!!! एक बिहारी सब पर भारी!!! कोई सात–आठ साल पहले की एक रोचक घटना। पटना पुस्तक मेले में एक व्यक्ति चिल्ला चिल्ला के कुछ कविता टाइप की चीज़ पढ़ रहा था।... Quote Writer 349 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read "लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में "लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में अधूरा मूल्य है। इसके साथ साहस शब्द भी जुड़ा है। जो महसूस किया जाये उसे साहस के... Hindi · Quote Writer 97 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए। जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए। ऐसी करनी कर चलो, तुम हंसो जग रोए।। Quote Writer 1 331 Share Dr MusafiR BaithA 25 Jun 2023 · 1 min read छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है। छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है। Hindi · Quote Writer · कोटेशन 184 Share Dr MusafiR BaithA 21 Jun 2023 · 1 min read शे’र/ MUSAFIR BAITHA आपका मेरे घर आकर जूठन गिराना, भला लगता है दुनिया भर को आपके चौके में मेरी नो एंट्री है मगर, चेहरा है असली यह आपका। Hindi · Quote Writer · शेर 376 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read सुविचार “ताक़त खत्म होने का जहां अंदेशा होता है, वहां बेदर्दी से अमानवीय एजेंडा फिट किया जाता है।“ ~ डा. मुसाफ़िर बैठा Hindi · Quote Writer 265 Share Dr MusafiR BaithA 16 Feb 2023 · 1 min read जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो... जब तुम आए जगत में, जगत हँसा तुम रोए। ऐसी करनी कर चलो, तुम हँसो जग रोए।। ~ क्रांतिधर्मी कवि कबीर Hindi · Quote Writer · दोहा 1 336 Share Dr MusafiR BaithA 16 Feb 2023 · 1 min read ईश्वर का जाल और मनुष्य ईश्वर व्यर्थ की धारणा है और मनुष्य के सम्यक स्वाभाविक विकास में बड़ी बाधा है। ~डा. मुसाफिर बैठा Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 272 Share