Mukta Tripathi 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukta Tripathi 22 Oct 2019 · 2 min read विजयादशमी ।।विजय दशमी।। जनकल्याण सिखाता ज्ञान। स्वार्थ सिखाता है अज्ञान। विनय शील का होता नाम। जोर से बोलो जय श्री राम। राम की महिमा अपरंपार। मानव हेतु आदर्श उपहार। मर्यादित जीवन... Hindi · कविता 5 3 369 Share Mukta Tripathi 22 Oct 2019 · 1 min read आलू परांठा ।। आलू परांठा ।। एक पलक झपकने तक में । झट से बंट जाता बचपन में । टिफ़िन में बंधा छिपा परांठा । आलू भरा चटपटा परांठा । पता नहीं... Hindi · कविता 3 1 422 Share Mukta Tripathi 22 Oct 2019 · 1 min read देशज भाषाएँ ।। देशज भाषाएँ ।। पराई, विदेशी भाषाओं की अजब विदेशी ही शान है। एक-एक अकेला अक्षर वैयक्तिकता का गान है। पर हमारी देशज भाषाएँ अनुपम अतुल्य वरदान हैं । इनके... Hindi · कविता 2 262 Share Mukta Tripathi 22 Oct 2019 · 1 min read रस बरसा दो ।। रस बरसा दो ।। वाहेगुरु मेरे आ जाओ। गुरु की वाणी दोहराओ। क्षत-विक्षत धर्म तड़प रहा भाईचारे का शब्द सुनाओ। मेरे राम को कोई बुला दो। रामायण का मर्म... Hindi · कविता 3 2 239 Share Mukta Tripathi 22 Oct 2019 · 4 min read नीली बनारसी साड़ी (कहानी) ।। नीली बनारसी साड़ी ।। एक लड़की के बचपन की सबसे मधुर स्मृतियों में एक स्मृति उसकी माँ के सुंदर-सुंदर कपड़े और साड़ियों की स्मृति !और मेरी स्मृति में मेरी... Hindi · कहानी 4 1 885 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read मेरा मन वृंदावन ।।मेरा मन वृंदावन ।। मोहन मुरली तुम्हारी प्यारी। सुध बिसराई मोरी सारी। कान्हा-कान्हा जपूं निसदिन। कृष्णा मेरा मन वृंदावन ।। देखो गैयां खूब संवारी। गूंजी कहीं बांसुरी न्यारी। कान्हा-कान्हा जपूं... Hindi · गीत 4 2 509 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read राखी की बधाई ।।राखी की बधाई।। ओस के मोतियों की छलकी गगरिया । ऊषा रानी ओड़ रश्मि चुनरिया। आकाश में अरुणाई भर लाई। शुभ घड़ी, प्यारी बेला है आई। सबको बधाई राखी है... Hindi · कविता 3 288 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read राखी राखी सुनहरी किरणों की ओड़ चुनरिया। सुंदर रूप प्रकृति ने सजा लिया। केसर के पुष्पों में नदियों के जल से दे छींटे सिंदूरी तिलक तैयार किया। लगा कर अरुण तिलक... Hindi · कविता 2 485 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read आजादी ।।आजादी।। नज़र लफ्ज़ को जब डराने लगे।। चाबुक का डर फिर सताने लगे ।। तो मत पूछ क्या बनेगा मंज़र ।। संस्कृति को तू करेगा बंजर ।। स्याह अंधेरे फिर... Hindi · कविता 3 1 326 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read तिरंगे की पुकार तिरंगे की पुकार ?????????????? झुकी नजर से रहा निहार। रो रहा तिरंगा ज़ार-ज़ार। अब दो बदल रंगों के अर्थ- पुराने अर्थ लगें बेकार। औरतों की सुन चीख-पुकार। केसरी रंग करता... Hindi · मुक्तक 2 1 280 Share Mukta Tripathi 10 Dec 2018 · 1 min read अटल पड़ाव अटल पड़ाव ********* जीवन का था नवीन सर्ग । घर में जैसे उत्सव-पर्व । नई हवाएं-नई फिजाएं । नई उमंग और आशाएं । नए चेहरों से मेल हुआ। दिलों से... Hindi · कविता 2 421 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read तेरे दर्शन तेरे दर्शन रोज मैं पांवां मेरी चाहत है। तैनु आपने कोल बिठावां मेरी चाहत है। पींग हुलारा मेरी लैंदी बड़ी दूर तक जांदी पींग हुलारा मांएं देजा मंदरां तक पुज... Hindi · गीत 23 13 484 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read मुसाफिर हूँ यारो मुसाफिर हूँ मैं यारो।। ये देश है बेगाना।। कब राह होगी खत्म पता हो तो बताना।। बांधता हूँ पुल रोज मैं । करूं मंज़िलों की खोज मैं । पर अनजान... Hindi · गीत 11 4 520 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read चलो पिता जी चलें उस ओर चलो पिता जी चलें उस ओर।। दूर जहां है धरा का छोर।। संग आप और दोनों हम। भूल जाएं जीवन दुर्दम । स्वप्न देश में रखें कदम। अंगुली की तुम... Hindi · कविता 7 2 271 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read प्रेम रत्न घन प्रेम रत्न घन बन बरसो।। नहीं अब मन वन तरसो।। जब से लागी लगन बड़े किए हैं जतन रात फिर भी बैरन मन नीरस क्या करसो ।। प्रेम रत्न घन... Hindi · गीत 8 5 487 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read कविता पीडा से जलते इस तन में । करुणा से तपते इस मन में । ढूंढता जब शब्दों में दर्द। चेतना को भाएं तब अर्थ । तब जन्म लेती है कविता... Hindi · कविता 10 1 470 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read अजीब दास्तान अजीब दास्तान ??????? मोहब्बत की दास्तान अजीब होती है। दूर हो साजन पर चाहत करीब होती है। रुसवा होता है दिल भरे जमाने में मजे लेता है हमें आजमाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 383 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read अजीब आज कुछ अजीब सी बात हो गई । अंधेरी शब हसीं रात हो गई । हमने तो डाल को छुआ भी न था- फूल-कलियों की बरसात हो गई । ।।मुक्ता... Hindi · मुक्तक 4 568 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read अनजान ज्ञान के खजाने से अनजान है। प्रत्येक कण मे ज्ञान विद्यमान है। क्या ग्रंथों के पन्ने टटोलता है- प्रकृति के कण-कण में ही विज्ञान है। ।।मुक्ता शर्मा।। Hindi · मुक्तक 4 291 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read मिलावट भावुकता में जब शब्द बोले जाते हैं । बिना तराजू तब दिल टटोले जाते हैं । प्रेम के धागे फिर सुलझाए न सुलझते ऐसे ही शरबतों में विष घोले जाते... Hindi · कविता 5 1 381 Share Mukta Tripathi 6 Nov 2018 · 1 min read मुलाकात इक मुलाकात आज खुद से की। पल भर बात आज खुद से की। तमाम उलझनें सुलझी इस तरह सुकून की बात आज खुद से की । ।।मुक्ता शर्मा ।। Hindi · मुक्तक 5 1 332 Share Mukta Tripathi 5 Nov 2018 · 1 min read जरूरत के बादल आजाद समय के आसमान पर जब। जरूरत के कुछ बादल छाने लगे। हम दुश्मनों में देखो उन्हें आज। प्यारे से दोस्त नजर आने लगे। बाहों की कमानें कुछ खुलने लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 287 Share Mukta Tripathi 2 Nov 2018 · 1 min read माँ केवल माँ ।। माँ केवल माँ ।। तपती-भरी दोपहरी में पसीना बहाती । महल नहीं, झोंपड़ी की छाँव देना चाहती। चीथड़े पल्लू से लाल को लू से बचाती । प्यास भूल अपनी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 323 2k Share