Mukesh Kumar Sonkar Tag: स्त्री 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukesh Kumar Sonkar 18 Feb 2024 · 1 min read बेटियां "बेटियां" बुढ़ापे का सहारा अगर बेटा है तो मां बाप का सम्मान है बेटियां। बेटा भले पराया कर दे लेकिन मां बाप का ध्यान रखती हैं बेटियां। आजकल की बेटियां... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नारी कविता · नारी शक्ति · बेटियां · स्त्री 1 140 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read मैं नारी हूं "मैं नारी हूं" पुरुषों के समाज में अबला कहलाने वाली बेचारी हूं, सब कुछ सहकर चुपचाप आंसू बहाने वाली मैं नारी हूं। पुरुष को जन्म देने से मरण तक देती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नारी का दर्द · नारी व्यथा · नारी शक्ति · स्त्री 1 161 Share