Mukesh Kumar Sonkar Tag: इंटरनेट 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukesh Kumar Sonkar 18 Feb 2024 · 1 min read संसार एक जाल "संसार एक जाल" चारों तरफ फैली हुई धोखेबाजी और मक्कारी है, भोले भाले लोगों को लूटना इनकी कलाकारी है। सोच समझ करो भरोसा आज के तुम इंसानों पर, न जाने... Poetry Writing Challenge-2 · इंटरनेट · कविता · जालसाज़ी · धोखा · साइबर क्राइम 1 171 Share