कुल'दीप' मिश्रा(KD) Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कुल'दीप' मिश्रा(KD) 10 Jul 2019 · 1 min read व्योम बरसात ले आया धरा की देख बैचेनी, पवन सौगात ले लाया तपी थी धूप में धरती, व्योम बरसात ले आया। घटा घनघोर है छाई, लगे पागल हुआ बादल- सजाकर बूँद बारिश की, चमन... Hindi · मुक्तक 211 Share कुल'दीप' मिश्रा(KD) 31 Mar 2019 · 1 min read जीतो मन को आज तुम.... जीतो मन को आज तुम,लोगे कल जग जीत। पहले खिलता फूल है,ख़ुशबू के फिर गीत।। गिरते उठते राह में,चलते रहना झूम। मंज़िल पाकर एक दिन,मच जाएगी धूम। कमियाँ गिनते रोज... Hindi · मुक्तक 285 Share