मितुल एम जुगतावत Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid मितुल एम जुगतावत 22 Jan 2017 · 1 min read दामिनी चीख थी वो उसकी, पर किसी ने ना सुनी, जिसने सुनी ,उसने कर दी अनसुनी. जिसकी थी जीने की तमन्ना, वही हम सबको छोड चली क्यों एक लडकी फिर से,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 508 Share