मिथलेश सिंह"मिलिंद" Tag: हास्य-व्यंग्य 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read शोषण (ललितपद छंद) रोटी अपनी गरम तवे पर, सेंक-सेंक सब खाते। संचालक बन करें डकैती, जनता को भरमाते।। करने वाले कृषक हमारे, अन्न अधिक उपजाते। अपने हिस्से की फसलों का, दाम अधूरा पाते।।... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 48 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read चौपाई छंद बदली जग की कार्य प्रणाली। यक्ष बना खुद आज सवाली।। बहरा सुने बात फरियादी। उलट-पुलट यह मनु आजादी।। गूंगा लगा आज चिल्लाने। अपनी बात श्रेष्ठ जग माने।। आँखों वाला आँख... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 44 Share