Meera Parihar Language: Hindi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Meera Parihar 1 Dec 2018 · 1 min read प्रार्थना तेरे दर पे आ गयी हूँ ,मुझे रास्ता दिखाओ। मेरी जिन्दगी के माझी पतवार तुम चलाओ।। तेरी कृपा का आदित्य प्राची से जब उगा है। गयी रात तब अंधेरी, जग... Hindi · गीत 1 2 583 Share Meera Parihar 30 Nov 2018 · 1 min read गीत गीत धुंध हटी अम्बर से रश्मि चौखट लांघ चली। दर,मुंडेर, छत तानी चूनरी शुभ्र धवल मलमली। है ये कैसी घाम सताती नहीं ह्रदय ना तन को। मन प्रफुल्ल कर ओजस... Hindi · गीत 2 2 330 Share Meera Parihar 30 Nov 2018 · 1 min read वन्दना माँ शारदे करती नमन, अर्पित तुम्हें श्रद्धा सुमन लीजिए मम हाथ निजकर हो सार्थक मम आव्हान।। आपके आलोक में जग जागता करता सृजन। ग्यान और विग्यान का सर्वदा करअनुगमन।।।।। सूर्य... Hindi · कविता 4 6 337 Share Meera Parihar 28 Nov 2018 · 1 min read चाँद शरद पूर्णिमा के अवसर पर लिखी रचना कौन आया है अँधेरे ज्योत्सना ले साथ में ताकती बन जोगनी द्वार पकड़े हाथ मैं साथ चलते ,जब मैं चलती दौड़ते जब दौड़ती... Hindi · कविता 3 1 588 Share Meera Parihar 28 Nov 2018 · 1 min read भोर अद्भुत है यह बेला सच अद्भुत है बेला अवनि अम्बर का संगम तट विस्तृत अथाह जलधि घट उतरी ऊषा धारे काली कमली पट सिहरत चलत झट पट झट सन सर... Hindi · कविता 3 2 498 Share Meera Parihar 11 Nov 2018 · 2 min read नाम में कया रक्खा है? #**नाम में क्या रखा है? **# जब कुछ नहीं कर सकते तो नाम ही बदल देते हैं और साल छः महीने उसी के सम्मोहन और विश्लेषण में कब व्यतीत हो... Hindi · लेख 1 3 269 Share Meera Parihar 11 Nov 2018 · 3 min read लाली के खिलोने # * लाली के खिलौने *# लाली सबकी प्यारी गुड़िया, नादान, भोली, शरारती सबकी लाड़ली।बाजार की हर वह चीज जो लाली के लायक होती सब खरीदी जातीं ।अब तो घर... Hindi · लघु कथा 409 Share Meera Parihar 6 Nov 2018 · 1 min read कविता निशान निशाने पर आ जाती हूँ मैं अपने छोड़े निशान से,कैसे? दाग लगा टी शर्ट में अब भी धुली हुई ,पर निशान तब भी कप ये धुला नहीं ठीक से... Hindi · कविता 1 398 Share Meera Parihar 6 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल महराबदार जालियाँ आले कहाँ गये । दर औ दीवार घर घरवाले कहाँ गये।। हमने यहीं पर की थी अठखेलियां कभी। गुमसुम उदास डाल कर ताले कहाँ गये।। बेनूर ये... Hindi · कविता 3 2 358 Share Meera Parihar 3 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ बनाकर खुदा ने कहा देर तक। दर्द माँ ने बहुत ही सहा देर तक।। इक कली गुल बनी फिर बना ये चमन। बागवां जिसका माँ-सा, खिला देर तक।।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 73 951 Share