Satish Mapatpuri Tag: गीत 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Mapatpuri 30 Sep 2016 · 1 min read हद होती है आखिर कब तक सहेगा कोई , सहने की भी हद होती है . ज़ुल्म करे वो , सहन करें हम , दबने की भी हद होती है . प्रेम की... Hindi · गीत 590 Share Satish Mapatpuri 6 Aug 2016 · 1 min read नारी और धरती नारी - धरा की कहानी अजीब है . सब कुछ सहना ही उसका नसीब है . नारी के गर्भ से ही ज़िन्दगी जनमती है . धरती के गर्भ से ही... Hindi · गीत 740 Share Satish Mapatpuri 6 Aug 2016 · 1 min read ये कैसा शरारा है. दरिया में ही ख़ाक हुए, ये कैसा शरारा है. साहिल पे ही डूब गए, ये कैसा किनारा है. यहाँ छांव जलाती है,मुस्कान रुलाती है. रातों में खुद को खुद की... Hindi · गीत 271 Share Satish Mapatpuri 2 Aug 2016 · 1 min read मेघा घिर - घिर आये मेघा चमके , बदरी में बिजुरी . चंचल पवन उड़ाये रही - रही , गॊरी की चुनरी . मेघा आये - दरस दिखाये , बिन बरसे... Hindi · गीत 325 Share Satish Mapatpuri 24 Jul 2016 · 1 min read नई नवेली नारि नई नवेली नारि अकेले पावस में ससुराल बसे. बारिश की बूंदे उसको- सौतन के ही मानिंद डसे. मेघा के ही साथ रात में, सेज पे दो नयना बरसे. सजन- अंग-... Hindi · गीत 2 341 Share Satish Mapatpuri 22 Jul 2016 · 1 min read थमते कदम आ जाइये चाँद नभ में आ गया, अब आप भी आ जाइये. सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये. नींद सहलाती है सबको, पर मुझे छूती नहीं. जानें आँखें पथ... Hindi · गीत 532 Share Satish Mapatpuri 18 Jul 2016 · 1 min read नयना ! बिन कहे सब कह जाता . नयना ! बिन कहे सब कह जाता . ठेस लगे तो छलक पड़े ,और खुश हो तो मुसकाता . नयना ! बिन कहे सब कह जाता . कितनी हसीं है... Hindi · गीत 259 Share Satish Mapatpuri 17 Jul 2016 · 1 min read मिलन का प्रथम प्रहर चारुलता सी पुष्प सुसज्जित, चंद्रमुखी तन ज्योत्स्ना. खंजन- दृग औ मृग- चंचलता, मानों कवि की कल्पना. उन्नत भाल -चाल गजगामिनी, विधि की सुन्दर रचना है. मंद समीर अधीर छुवन को,... Hindi · गीत 2 816 Share