Manvendra Singh Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manvendra Singh 26 Jan 2019 · 1 min read निर्लज्ज आत्मग्लानि होती है एक चीज जो निर्लज्जों को नहीं होती निकल पड़ते हैं दुनिया को सिखाने पर रत्तीभर भी उसके अंश उनमें नहीं होती । हम जो करते हैं हम... Hindi · कविता 1 507 Share Manvendra Singh 19 Dec 2018 · 1 min read पुनः जोड़िए जीवन प्रकृति से पुनः जोड़िए जीवन प्रकृति के तरीके से हमारा अस्तित्व बचेगा सिर्फ उससे जुड़ने के सलीके से । हवा, पानी, मिट्टी धूप, धूल, बरसात मत लगाइए दिमाग जो मिलता है सामने... Hindi · कविता 219 Share Manvendra Singh 17 Dec 2018 · 1 min read बदला अखबार, ना बदले लोग जितनी तेजी से अखबार बदला अखबार के साथ समय बदला और अखबार के लोग बदलें । उतनी तेजी से मासूम लोग नहीं बदले उनकी धारणा नहीं बदली उनका विश्वास नहीं... Hindi · कविता 409 Share Manvendra Singh 12 Dec 2018 · 1 min read चुनाव परिणाम पर हमारे प्रधानमंत्री राजकुमार पर बहुत तंज कसते रहते हैं सो ऐसे चुनाव परिणाम पर आर.... राजकुमार के एक गाना के तर्ज पर ही राजकुमार द्वारा उनको समर्पित बीड़ी पी के... Hindi · कविता 439 Share