Manu Vashistha Language: Hindi 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read बेटियां ✍️_बेटियां ओस की बूंदें और बेटियां एक तरह से एक जैसी होती हैं जरा सी धूप, दुख से ही मुरझा जाती हैं लेकिन दे जाती हैं जीवन, बाग बगीचा हो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 429 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read बीज और बच्चे ✍️बीज और बच्चे __ बीज और बच्चे होते हैं एक जैसे जिनमें छुपी हैं अनंत संभावनाएं सब जानते हैं फिर भी मातापिता कहां मानते हैं बेटियों को रोपते हैं धान... Poetry Writing Challenge · कविता 1 407 Share Manu Vashistha 15 May 2023 · 1 min read एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां ✍️प्रकृति और स्त्रियां! 🌹 रोप दी जाती हैं धान सी उखाड़ दी जाती हैं, खरपतवार सी पीपल सी कहीं भी उग आती हैं... Poetry Writing Challenge 1 272 Share Manu Vashistha 15 May 2023 · 1 min read बड़े होते बच्चे कविता__ बड़े होते बच्चे घर से दूर शहर या विदेश, पढ़ने या नौकरी पर जाते बच्चे देख उन्हें खुश होती मां! पूरा परिवार, मनाए खुशियां,बांटे मिठाई अंदर अंदर कुछ खोती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 307 Share Manu Vashistha 14 May 2023 · 1 min read बेटियां! दोपहर की झपकी सी नवजीवन ___💕 बेटियां!दोपहर की झपकी सी__ बेटियां होती हैं दोपहर की झपकी सी जब भी आती है, उतार देती हैं थकान झपकी देती है नई ऊर्जा, दोपहर बाद सांझ में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 214 Share Manu Vashistha 14 May 2023 · 2 min read मां ✍️ मां! मां की कोई उम्र नहीं होती मां बस मां होती है! चिर युवा भी, चिर वृद्धा भी!! छोटी उम्र में बच्चों की देखभाल में खुद को भुला देती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 391 Share Manu Vashistha 22 Mar 2023 · 1 min read नव संवत्सर विक्रम संवत २०८० की पावन बेला, नववर्ष के आगमन की बधाई हो बधाई।। नूतन का अभिनंदन करें सब, आशा नई संचारित कर,पुरातन को विदाई।। चैत्र मास का स्वागत करती, पेड़ों... Hindi 261 Share Manu Vashistha 8 Mar 2023 · 1 min read होली ✍️ होली __ आज लगे हर लड़की राधा,कान्हा निकले टोली में। थोड़ी मस्ती थोड़ी शरारत,होगी ठिठोली होली में। चौक चौराहे गली मोहल्ले, खूब सजेंगे होली में। होलिका का होगा दहन,... Hindi · कविता 377 Share Manu Vashistha 8 Mar 2023 · 1 min read क्या है नारी? क्या है नारी?___ प्रकृति के हर रूप में, जादू है,अनमोल तोहफा है नारी। हर घर का आंगन है, आंगन में उगी तुलसी है नारी। शिव की शक्ति,पुरुष की भक्ति सृष्टि... Hindi · कविता 525 Share Manu Vashistha 5 Mar 2023 · 2 min read वो परीक्षाओं के दिन भूली बिसरी यादें _ वो परीक्षाओं के दिन __ आजकल होली के साथ ही परीक्षाओं का मौसम चल रहा है, और बच्चे भागदौड़ में लगे हुए हैं, साथ ही उनके... Hindi · लेख 169 Share Manu Vashistha 26 Jan 2023 · 1 min read बसंत पंचमी का आगाज और जीवन में उल्लास ✍️बसंतपंचमी का आगाज और जीवन में उल्लास! ऋतु बसंत है प्रकृति में, सब ऋतुओं का राजा। हुलसित है तन मन, हर्षित सकल समाजा।। लो! शिशिर को हरा, मैं बसंत फिर... Hindi · कविता 1 143 Share Manu Vashistha 12 Dec 2022 · 2 min read Daily writing challenge ✍️ (अमूल्य) परवरिश ___ बच्चों को पालना, उन्हें अच्छे व्यवहार की शिक्षा देनाभी पुनीत कार्य है, क्योंकि यह उनका जीवन सुखी बनाता है। _____ संत रामसुख दास जी 🌹 इस... Hindi · लेख 189 Share Manu Vashistha 13 Nov 2022 · 1 min read #Daily writing challenge , सम्मान ___ #Daily writing challenge , सम्मान ___ तिरंगा देश की शान है हर भारतीय का स्वाभिमान है इस संसार में सबसे प्यारा मेरा हिन्दुस्तान देश महान है आरती,अजान,अरदास, प्रेयर सभी धर्मों... Hindi 1 185 Share Manu Vashistha 8 Jul 2022 · 1 min read स्त्रियां ✍️प्रकृति में समाया परिवार स्त्रियां! 💃 रोप दी जाती हैं धान सी उखाड़ दी जाती हैं, खरपतवार सी पीपल सी कहीं भी उग आती हैं। स्त्रियां!💃 जीवन दायी अमृता सी,... Hindi · कविता 344 Share Manu Vashistha 30 Jun 2022 · 2 min read सच पर तरस ✍️सच पर तरस! भरे बाज़ार में, सच की दुकानों पर है सन्नाटा। तिजारत झूठ की चमकी है,मक्कारी की बातें हैं। _____ हिना रिज़वी कथा सुनें भागवत की, प्रभु को बहकाने... Hindi · कविता 233 Share Manu Vashistha 17 Jun 2022 · 2 min read पत्र का पत्रनामा ✍️ पत्र का पत्रनामा___ यत्र कुशलम् तत्रास्तु, से शुरू थोड़े लिखे को बहुत समझना से खत्म। जिनको पढ़, पाठक उन्हीं भावनाओं में बह जाए, कुछ प्रेषित पत्र पाठ्यक्रम का हिस्सा... Hindi · कविता 1 2 811 Share Manu Vashistha 8 Jun 2022 · 2 min read मेरे पिता से बेहतर कोई नहीं मां बताती हैं... वीडियो कॉल पर बात भी करवाती हैं कमजोर हो गए हैं पिताजी कुछ नहीं कहते, बस ताकते रहते जीवन की सांध्य बेला में शरीर से ही नहीं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 4 585 Share Manu Vashistha 5 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण केवल धन ही नहीं, कमाई की परिभाषा। प्रकृति है अनमोल,बचाएं यही अभिलाषा।। मनुज ही एकमात्र, जिसमें है लालच अपार मिट्टी हरती रोगों को, उसे भी किया बीमार।। मिट्टी में लिया... Hindi · कविता 2 2 510 Share Manu Vashistha 2 Jun 2022 · 2 min read बरगद का पेड़ ✍️ #बरगद का पेड़ (बरगद होने का सुख) अब नहीं लुभाता, बचपन से लुभाता रहा है मुझे बरगद का पेड़। क्योंकि सभी तुलना करते थे बड़े भैया की, बरगद से!... Hindi · मुक्तक 1 1 1k Share Manu Vashistha 28 May 2022 · 1 min read मुकरियां __नींद नींद से बोझल आँखें और बंद होती पलकों के बीच ... वो तेरे जरा सी आने की उम्मीद ... कर देती है बेचैन क्या वो है, प्रेमी साजन ..? नहीं... Hindi · संस्मरण 2 2 417 Share Manu Vashistha 27 May 2022 · 1 min read मुकरियां_ गिलहरी रोज सवेरे छत पर दिखती वो भी मेरा इंतजार है करती बस मुझको ही दिखती इधर फुदकती उधर फुदकती कंधे पर सर वो धरती कौन है वो महबूबा परी? नहीं... Hindi · हास्य/हास्य-व्यंग्य 1 564 Share Manu Vashistha 27 May 2022 · 3 min read अम्मा/मम्मा ऋषि और श्रीसंत दोनों की जोड़ी स्कूल में मशहूर थी। जब भी एक को बुलाना होता या ढूंढना होता तो सब जानते थे, कि एक साथ ही होंगे। और कहते... Hindi · लघु कथा 429 Share Manu Vashistha 24 May 2022 · 1 min read मुकरिया__ चाय आसाम वाली प्रातः उठने और जगने के बीच अलसाई सी, कुछ तो बात है उसे होठों से लगाते ही नींद की खुमारी भाग जाती, ना मिले तो बड़ा तड़पाती मित्र! कौन है... Hindi · कविता 3 525 Share Manu Vashistha 23 May 2022 · 2 min read अपराधी कौन ___________________ आज फिर डॉक्टर दीपक पीकर आया था, हमेशा की ही तरह तोड़फोड़ मचाना, मरने की धमकी और फिर बेसुध होकर बिस्तर पर सो जाना। उसकी पत्नी रीमा भी नामी... Hindi · लघु कथा 1k Share Manu Vashistha 19 May 2022 · 3 min read दीवार पर टंगी पिता की तस्वीर ✍️ आज पिता को गुजरे पूरा एक महीना हो चुका है। चलो सब कार्य अच्छी तरह से निपट चुका है। अब मैं भी, पत्नी को साथ लेकर, कहीं तीर्थाटन के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · लेख 2 4 165 Share Manu Vashistha 13 May 2022 · 1 min read हाइकु_रिश्ते हाइकु 🌷🌷🌷🌷 बड़े शहर गायब होते रिश्ते घुले जहर 🌷🌷🌷🌷 महक जाते इश्क के नमक से जवान रिश्ते 🌷🌷🌷🌷 क्रोध की गर्मी अक्सर खत्म करती रिश्तों की नर्मी 🌷🌷🌷🌷 रिश्तों... Hindi · हाइकु 407 Share Manu Vashistha 12 May 2022 · 2 min read एक पत्र बच्चों के लिए बोलती *लिखता तुमको यह पत्र, एक उम्र बाद, बूढ़े बच्चे बन जाते हैं और बच्चे पेरेंट्स बन, वही भूमिका परवरिश निभाते हैं। *तुम दोनों हैं जन्म से साथ, जीवन में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 2 1k Share Manu Vashistha 22 Apr 2022 · 1 min read हाइकु पृथ्वी दिवस पर धरती माता तप रही, सूरज उगले आग! पर्यावरण के सुरक्षा प्रहरी अब तो जाग! जल में बाढ़ (निसर्ग/तूफान) धरती पे कोरोना नभ में टिड्डी मानव बैरी प्रतिशोध! पृथ्वी का है... Hindi · हाइकु 1 380 Share Manu Vashistha 17 Apr 2022 · 1 min read हाइकु__ पिता पिता____ 1_💕 जनक सुता पाए राम से वर खुश हैं पिता! 2_💕 सुनहुं तात! जग पसारे हाथ पुरी का भात 3_💕 नभ में रवि हम बच्चों के लिए पिता की... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 6 9 361 Share Manu Vashistha 14 Apr 2022 · 1 min read बंदर मामा गए ससुराल बंदर मामा पहन पजामा, पहुंच गए ससुराल हाथ में एक मोटी सी सोटी,गले में था रूमाल बोला अकड़ पकड़ कर चोटी,था गुस्से से लाल लेने आया हूं,छोड़ दे नखरे,चल मोटी... Hindi · बाल कविता 2 1k Share Manu Vashistha 11 Apr 2022 · 1 min read बेटियां! दोपहर की झपकी सी बेटियां होती हैं दोपहर की झपकी सी जब भी आती है, उतार देती हैं थकान झपकी देती है नई ऊर्जा, दोपहर बाद, सांझ में कार्य करने के लिए तो ऐसे... Hindi · कविता 1 2 272 Share Manu Vashistha 20 Jul 2021 · 2 min read मां ✍️ मां! मां की कोई उम्र नहीं होती मां बस मां होती है! चिर युवा भी, चिर वृद्धा भी!! छोटी उम्र में बच्चों की देखभाल में खुद को भुला देती... Hindi · कविता 1 422 Share Manu Vashistha 15 Jul 2021 · 1 min read बाल लीला ✍️ अंखियां चंचल,अधर धरी मुस्कान प्यारी एक फूल गोद, दूजौ खिलत केसर क्यारी।। सोचत गोरी, पहले काम निपटाय लऊं फिर तोहे लऊं गोदी, हर्षित महतारी।। मन में चिंता अनेक, उलझन... Hindi · कविता 537 Share Manu Vashistha 12 Jul 2021 · 2 min read मदद के हाथ ✍️ मदद के हाथ___ गांव से दूर शहर में बेटे बहू के साथ बुजुर्ग दंपत्ति रहने तो आगए, लेकिन आस पड़ौस से मेल मिलाप की पुरानी देसी रीत कायम रखे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 486 Share Manu Vashistha 6 Jul 2021 · 3 min read सुनो बहू क्या लाई हो! ✍️उम्मीदों के ताने बाने से बुनी जिंदगी, कपड़ा बनाते समय ताने बाने का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिंदगी भी कुछ इसी तरह है। सुख_दुख, खट्टा_मीठा, अच्छी _बुरी, ये सभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 640 Share Manu Vashistha 3 Jul 2021 · 3 min read दीवार पर टंगी पिता की तस्वीर ✍️ दीवार पर टंगी पिता की तस्वीर______ आज पिता को गुजरे पूरा एक महीना हो चुका है। चलो सब कार्य अच्छी तरह से निपट चुका है। अब मैं भी, पत्नी... Hindi · लघु कथा 1 422 Share Manu Vashistha 3 Jul 2021 · 2 min read केक की मिठास कांता बाई और केक की मिठास___ लॉक डाउन के बाद कांताबाई का आज काम पर जाना हुआ। अंदर ही अंदर डर समाया हुआ था पता नहीं काम पर रखेंगे या... Hindi · लघु कथा 3 1 376 Share Manu Vashistha 24 Jun 2021 · 1 min read संस्कृति ✍️ बड़े शहरों में फ्लैट संस्कृति!!!! अब घरों में #देहरी नहीं होती!! जिसे देख समझाया था, कभी देहरी पार करने का मतलब, अब घुटनों चलते बच्चे भी, पार कर, हो... Hindi · कविता 3 5 568 Share Manu Vashistha 31 May 2021 · 1 min read बरसात की आस ✍️ आषाढ़ मास कर गया उदास! सावन मास बरसात की आस! बरसों बीते अब तो बरसाओ! ना तरसाओ माना, हैं दोषी हम! पर्यावरण से करी जो छेड़छाड़! भुगत रहा निर्दोष... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 541 Share Manu Vashistha 10 May 2021 · 1 min read मानव!अब तो सुधरो धरती माता तप रही, सूरज उगले आग! मानव बने बैरी पर्यावरण के सुरक्षा प्रहरी अब तो जाग! धरती पे कोरोना नभ में टिड्डी जल में भी निसर्ग / (तूफान) प्रकृति... Hindi · कविता 1 1 286 Share Manu Vashistha 9 May 2021 · 1 min read मां मां___ 1_? है अनपढ़ फिर भी पढ़ लेती मेरे दर्द, मां! 2_? वरदान सी मेरे झुके सिर पे दे असीस, मां! 3_? नींद गंवाई ना करती आराम अनोखी है, मां!... Hindi · हाइकु 2 2 641 Share Manu Vashistha 11 Mar 2021 · 1 min read क्षणिकाएं! ✍️ क्षणिकाएं मायका! खुशियों का जायका कौन समझ पाएगा बारिश! नैहर जाने की आस भर देती उल्लास मां का आंगन! बहन भाई संग, बीता बचपन उछाल के चावल! गई जो... Hindi · मुक्तक 2 462 Share Manu Vashistha 3 Feb 2021 · 1 min read बहुत खास हो तुम! हां बहुत खास हो तुम दिल के बहुत पास हो तुम! सूरज की पहली किरण भोर की नई उजास हो तुम! ये प्यार, इश्क, मुहब्बत जीवन का आभास हो तुम!... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 50 465 Share Manu Vashistha 8 Jan 2021 · 1 min read मुकरिया ✍️_____ ओहो! ये भी ना, उसकी आवारा सी हरकत चूमना माथे, गालों को और लिपटना बेखौफ गले से, कौन है सखी? प्रियतम! नहीं सखी री! वो तो है, उड़ती बालों... Hindi · कविता 4 5 301 Share Manu Vashistha 8 Jan 2021 · 1 min read मुकरिया ✍️_____ रोज सवेरे छत पर दिखती वो भी मेरा इंतजार है करती बस मुझको ही दिखती इधर फुदकती उधर फुदकती कंधे पर सर वो धरती कौन है वो महबूबा परी?... Hindi · कविता 3 277 Share Manu Vashistha 31 Dec 2020 · 2 min read कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं! ✍️ कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं! विश्व आपदा के समय सभी #चिकित्सक, नर्सेज, सेना, पुलिस, मीडिया कर्मी और सभी स्वयंसेवी वॉलिंटियर्स आप सभी रियल जिंदगी के #नायक हैं।... Hindi · लेख 4 6 504 Share Manu Vashistha 28 Dec 2020 · 2 min read सुनो स्त्री! सुनो स्त्री! आधी आबादी! तुम इस धरती पर आधी आबादी की पूर्ण स्वामिनी हो। जब तुम अपने आप में बहुत कुछ संपूर्ण श्रेष्ठ हो, खुद को कमजोर क्यों समझती हो।... Hindi · लेख 3 2 280 Share Manu Vashistha 25 Dec 2020 · 1 min read यूं ही नहीं कहलाते चिकित्सक/ भगवान ✍️सभी चिकित्सकों को समर्पित ? यूं ही नहीं कहलाते चिकित्सक/ भगवान ?????? अपनी रातों की नींद छोड़ दूसरों के ख्वाब सजाते हैं भूख प्यास सब छोड़ सेहत दरकिनार कर जाते... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 38 614 Share Manu Vashistha 23 Dec 2020 · 1 min read फर्क है जरा सा ✍️ #फर्क है बस जरा सा..... इसलिए #संतुलन जरूरी है। लाड़ और मोह में, भोजन और भोग में, भक्ति और पूजा में, धर्म और आस्था में, ग्रंथ और गाथा में,... Hindi · कविता 5 379 Share Manu Vashistha 22 Dec 2020 · 1 min read सच बताना ✍️ सच बताना हे पुरुष! सच बताना मुझसे कुछ ना छुपाना झूठ के आवरण में बने श्रवण, संत सरीखे एक सच तो बोल कर दिखाना फिर मेरे दिल में जगह... Hindi · कविता 4 5 741 Share Page 1 Next