Manoj Shrivastava Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manoj Shrivastava 7 May 2024 · 1 min read वक्त के हाथों पिटे वक़्त के हाथो पिटे शतरंज के मोहरे हैं हम खेल जब तक हो न अगला बेसबब हैं क्या करें स्वतः उगते हैं किसी वट वृक्ष पर आश्रित नहीं इस लिये... Poetry Writing Challenge-3 95 Share Manoj Shrivastava 7 May 2024 · 1 min read महज सुकरात का डर है अन्धेरे को उजाले का , सुबह को रात का डर है जिन्होंने मूँद लीं आँखे उन्हे किस बात का डर है बहुत कमजोर है आधार रिश्तोँ की इमारत का किसी... Poetry Writing Challenge-3 142 Share