मनोज राठौर मनुज 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज राठौर मनुज 30 Nov 2018 · 1 min read फतह होगी यकीनन आफतें यूँ ही न आईं कुछ वजह होगी यकीनन| रात का पैगाम है ये कल सुबह होगी यकीनन| ++ मन्जिलें कुछ दूर हैं ये रास्ते मुश्किल भी लेकिन, हौंसले परवाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 363 Share मनोज राठौर मनुज 20 Nov 2018 · 1 min read बोलो तुम भी उदास थे क्या मेरी तरह वफा तुम मेरे ही पास थे क्या| मुझसे बिछड़के बोलो तुम भी उदास थे क्या| ++ यादों में आके मुझसे करते थे गुफ्तगू तुम, तन्हाइयों के वो पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 418 Share मनोज राठौर मनुज 19 Nov 2018 · 1 min read गजल दिल की ही सुनी होगी दिल से ही कही होगी| वो आँख न वैचारी बे वजह बही होगी| ++ दौलत में हुनर कब था इन्सान बनाने का, दीवार अदावत की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 408 Share मनोज राठौर मनुज 18 Nov 2018 · 1 min read गजल वक्त की आमद का ये आगाह तो होता नहीं | जो भी होता सबके खातिरख्वाह तो होता नहीं | (खातिरख्वाह--मनचाहा) ++ ठोकरें भी सख्त देता जो जमा तरतीब से, हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 337 Share मनोज राठौर मनुज 18 Nov 2018 · 1 min read गजल जश्ने चरागां मुफलिस कैसे मनायेगा| बाजार जल रहा है धुआं घर में आयेगा| ++ जिसके दिलो दिमाग पे बछड़ों का झुन्ड है, दीपक जलायेगा या वो फसलें बचायेगा| ++ खा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 302 Share मनोज राठौर मनुज 17 Nov 2018 · 1 min read गजल करें भी चोट का किससे यहाँ गिला कोई| दियारे ग़ैर में अपना नहीं मिला कोई| (दियारे ग़ैर--दूसरे देश, परदेश|) ++ मियाने राह में बैठा बहुत जला कोई| मगर तपिस में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 343 Share मनोज राठौर मनुज 17 Nov 2018 · 1 min read गजल दे रहे हो सदा क्यों मिटाने के बाद | लौट आया यहाँ कौन जाने के बाद || ++ ये दवा है या दारू है पहले बताते, इल्म झाड़ो न अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 357 Share मनोज राठौर मनुज 15 Nov 2018 · 1 min read गजल ग़ज़ल कमतर की बात है न ये बहतर की बात है | मिलना बिछड़ना सिर्फ मुकद्दर की बात है| ++ मेरा अजब नहीं जो, फसाना सुने कोई, रिश्तों में तल्खियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 536 Share मनोज राठौर मनुज 14 Nov 2018 · 1 min read गजल गजल मोत आये तो मेरा हुजूर आयेगा| मेरा मातम मनाने जरूर आयेगा| ++ अश्क छलकेंगे उसके मेरी याद में, बाद मरने के मुझमें ये नूर आयेगा| ++ कब्र पे एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 486 Share मनोज राठौर मनुज 14 Nov 2018 · 1 min read गजल ख्वाहिशों! इतनी जिगर में रोशनी हो जाने दो| दौरे नौ में भी मुझे बस आदमी हो जाने दो| ++ हँस रहे झूठी हँसी सब खुस्क सा माहोल है, अब सितारों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 359 Share मनोज राठौर मनुज 13 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ हकीमों से तो लगता है मुझे माँ का जिगर अच्छा | हजारों इन दवाओं से जो होता है असर अच्छा | बतादे राज मुझको माँ यहाँ आखिर छुपा क्या... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 82 639 Share