Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani Tag: कविता 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 29 Jul 2020 · 2 min read व्यथा - स्त्री मन की ( डायरी ) व्यथा - स्त्री मन की ( डायरी ) मैं स्त्री हूँ .... हाँ, मैं वही स्त्री हूँ, जिसे इस पुरूष प्रधान समाज ने, हमेशा हीं प्रताड़ित किया है | हाँ,... Hindi · कविता 5 7 786 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 26 Jul 2020 · 1 min read फिर तांडव करना होगा हे नारी ! आखिर कब तक सहेगी तू , अबला बन, प्रताड़ित होती रहेगी तू ; बहुत हो चुका, दूसरों के लिए जीना मरना , अब तो तुझे खुद के... Hindi · कविता 4 2 432 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 26 Jul 2020 · 1 min read अभिलाषा- विदाई के समय इस विदाई की विला मे, कहता हूँ उपस्थित सभी से, करने की ईश्वर से प्रार्थना, करने की जीवन में कुछ ऐसा, जो कल्याणकारी और आदर्श हो सबका, करें आज हम... Hindi · कविता 3 2 419 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 26 Jul 2020 · 1 min read चोट अपनों की सोने ने पुछा एक दिन लोहे से , तू चोट लगने पर इतना चिल्लाता क्यूं है ? जबकि सुनार मुझे भी तो , हतौडे से ही चोट मारता है l... Hindi · कविता 4 4 397 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 25 Jul 2020 · 1 min read शायद वही है प्यार | "शायद वही है प्यार" रातों को जब नींद ना आये, दिल का चैन भी कहीं खो जाये, याद आये कोई जो बारम्बार, शायद वही है प्यार | आँखों में खुमारी... Hindi · कविता 3 4 352 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 24 Jul 2020 · 1 min read तुम क्या पाओगे ? थोड़ा सा सम्मान क्या मिला , बरसाती मेंढ़क हो गए थोड़ा सा धन क्या मिला, पागल बन बैठे थोड़ा सा ग्यान क्या मिला , बड़बोले हो गए थोड़ा सा यश... Hindi · कविता 2 4 533 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 24 Jul 2020 · 1 min read बेरोजगार नवजवान आती हुई कार से एक नवजवान टकरा गया टांग टूटी , हाथ टूटा फिर भी मुस्कराते देख कार वाला चकरा गया , अस्पताल ले जाने के लिए जैसेही उठाया नवजवान... Hindi · कविता 4 7 257 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 23 Jul 2020 · 1 min read चाह - नव परिवर्तन की ऐसी मशाल जलाओ तुम बुरा वक़्त है जो एक दिन आयेगा, हौंसले को तुम्हारे जरूर डिगायेगा, कर्तव्य पथ को प्रकाशित करे जो, ऐसी मशाल जलाओ तुम | नहीं आसान है... Hindi · कविता 2 4 352 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 22 Jul 2020 · 1 min read कुछ सपने थे जो टूट गए कुछ सपने थे जो टूट गए, कुछ अपने थे जो छुट गए, पहले तो कुछ ना आभास था, यह भी होगा, ना विश्वास था, पर होनी तो होकर गुजरी, सब... Hindi · कविता 4 4 341 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 21 Jul 2020 · 1 min read वो देखती है सपने वो देखती है सपने, रात रात भर जाग के, चाँद तारों को आसमां में निहारते, वो देखती है सपने | वो देखती है सपने, अपने पिया से मिलन के, अपने... Hindi · कविता 4 4 256 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 21 Jul 2020 · 1 min read इंसानियत निभाना चाहता हूँ इंसानियत निभाना चाहता हूँ एक तारा बन रात भर जगमगाना चाहता हूँ, नव प्रभात की चाह में खुद को मिटाना चाहता हूँ, एक पंछी बन उड़ कर असमां समेटना चाहता... Hindi · कविता 2 4 498 Share Manoranjan Kumar Srivastava Manohar-hindustani 20 Jul 2020 · 1 min read कैसे जिया जाये तुम बिन ? कैसे जिया जाये तुम बिन ? कैसे बताऊँ क्या हो गई ? मेरी ज़िन्दगी तुम बिन, बोझिल सी हो गई, ये ज़िन्दगी तुम बिन, खो गई कहीं दिल की, हर... Hindi · कविता 4 6 435 Share