मंजूषा मन 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मंजूषा मन 20 Jun 2018 · 1 min read धुँए का बादल !!धुँए का बादल!! हम तमाम उम्र इंतज़ार करते रहे बारिश का, वो छाया था उमड़ा था घुमड़ा था हवा के झोंको सँग लहराया था दिल की दुनिया पर बरबस छाया... Hindi · कविता 1 1 267 Share मंजूषा मन 19 Aug 2017 · 1 min read हाइकु 1. भूल जाना तो सरल है बहुत कठिन यादें। 2. छल करना कभी आया ही नहीं छले ही गये। 3. पिछड़ गए तेज रफ्तार था वो रुक न सका। 4.... Hindi · हाइकु 2 2 304 Share मंजूषा मन 14 Aug 2017 · 1 min read सर पे कैसी मुसीबत बड़ी आ गई ग़ज़ल सर पे कैसी मुसीबत बड़ी आ गई। देखिये फैसले की घड़ी आ गई। साँस लेना मुनासिब भी लगता नही ये हवा किस कदर नकचढ़ी आ गई। दिल के साँपो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 270 Share मंजूषा मन 11 Aug 2017 · 1 min read कायर कायर कायर होते हैं वे लोग जो चाहते तो हैं कहलाना किसी का पालनहार पर वे पाल नहीं पाते स्वयं को भी... कायर होते हैं वे भी जो कर नहीं... Hindi · कविता 1 1 314 Share