manisha joban desai Tag: कहानी 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manisha joban desai 27 Apr 2018 · 2 min read अपने या पराये कहानी अपने पराये सुजीता दोपहर की चाय बना रही थी, की डोरबेल बजी।सोफे पर बेठी उसकी सासने उसके हस्बैंड का लेबोरेटरी से आया नया रिपोर्ट लिया और पढ़कर, "हे भगवान,ये... Hindi · कहानी 1 3 560 Share manisha joban desai 9 Jun 2017 · 21 min read कुछ फैसले दिल के "इतना सुहाना मौसम और ये पहाड़ के बीच घिरा हुआ काटेज काश,तुम मेरे साथ होते तो बात ही कुछ और थी ..." सोचते हुए आसका ने बेंच पर से अपना... Hindi · कहानी 512 Share manisha joban desai 9 Jun 2017 · 3 min read अब क्या कहें? "जितवन .....क्या कर रहे हो बाहर ? देखो ये कोन आया है ?" माँ की आवाज़ सुनकर अपने स्कूटर की लाइट ठीक कर रहा जित जल्दी से घर के अंदर... Hindi · कहानी 455 Share manisha joban desai 3 Jan 2017 · 5 min read ये मेरा दोष है? ये मेरा दोष है? अपने वार्डरोब से जल्दी से साड़ी निकालकर पहन ली और पर्स के साथ हॉस्पीटल चेकअप की फ़ाइल लिए हुए सुविधा ने रूम लोक किया ।इतने में... Hindi · कहानी 281 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 7 min read मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान रात ऐसे मध्यम सी ढल रही थी । अपनी बाल्कनी से नीचे झाँकते हुअे, रितीमा विहार का इंतजार कर रही थी ।धीमी बारिश भी आ रही... Hindi · कहानी 307 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read मेरा विश्र्वास मेरा विश्र्वास यूॅंही माेल में घूमते हुए आठ बज चुके थे। मौनवी ने मोबाइल से नरीत को बताया , "मुझे थोड़ी देर लग जायेगी ,मै अपनी ड्रेसमेकर के यहाँ जाकर... Hindi · कहानी 322 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 4 min read शाम का साया शाम का साया तेज दौड़ती हुई ट्रेन की खिड़की के पास बैठी हुई तक्षवी, उड़ती हुई लटो को संभालती घड़ी में टाइम देख रही थी । बस, अब आधा घंटा... Hindi · कहानी 1 457 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read समजौता समझौता अभी तो सुबह के ८- ३० हुए थे ।। जल्दी तैयार होकर नित्या एक्स्ट्रा क्लास के लिए अपनी कार लेकर निकल ही रही थी कि रीमा आंटी और उनकी... Hindi · कहानी 317 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 9 min read कुछ तूटा है दिलमें... कुछ टूटा है दिल में .... मानसी बहेेती नदी की लहरों को रेलिंग के पास खड़ी हुई एकटक देखे जा रही थी ।बस ,ये ज़िंदगी तो यूँही बहेती जा रही... Hindi · कहानी 1 1 456 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 4 min read स्वरिता 'अरे ,चलो देर हो रही है 'कहते हुँऐ अंगना अपनी छोटी सी बेटी स्वरिता को हाथ खींचकर कार में बिठाने लगी । 'नहीं आना हे मुझे आपके साथ मम्मा,मुझे यहाँ... Hindi · कहानी 304 Share