manisha Tag: संकलन...उर्वर मन 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manisha 17 May 2023 · 1 min read कुदरत कुदरत ******* कुदरत के सतरंगी रंगो ने रच डाला इस संसार को, इंद्रधनुषी रंगो ने निखारा जीवन जगत संसार को। नित नया रूप बदलता ओढ़ बादलो की श्वेत चादर, फूलों... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 3 309 Share manisha 17 May 2023 · 1 min read अधीर मन अधीर मन ********** शांत धरा ,गंभीर गगन करता रह-रह अधीर ये मन, खामोशी में लिपटी झीलें कर जाती रह -रह बेचैन, दूर क्षितिज पर जाकर मिलते, धरा - गगन सा... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 3 1 394 Share manisha 17 May 2023 · 1 min read पीताम्बरी आभा पीताम्बरी आभा ************** बादलों के रथ पे होकर सवार, पीताम्बरी आभा का विस्तार, मानों गगन के पट पर किसी ने, उड़ेल डाली रंगो की बहार । पवन चक्कीयाँ लोरी सुनाती... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 396 Share manisha 17 May 2023 · 1 min read संदेशा संदेशा ******** दिनकर ने फैलाई आभा, किरणें देखो जगमगाई। स्वर्णिम चादर ओढ़ीं नदियाँ, जीवन संदेशा ले आई। धूप करे उर्जा संचार , इससे मिलता धरा को प्राण। पशु- पादप सब... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 478 Share manisha 17 May 2023 · 1 min read अंकुर अंकुर ******* बीज तत्व से जीवन भरा, प्रस्फुटित हो नव अंकुर बना। सूर्य किरणों से प्रफुल्लित होकर, उपवन की शोभा बना। नित नवीन निखार आए, मंद पवन हिलोरे झुलाए। धूप... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 359 Share manisha 17 May 2023 · 1 min read क्षितिज उदिप्त हो रहा हो भास्कर , या अस्ताचल गामी है। खोल रहा किरणों के पंख, या डूबने की तैयारी है। मनहर विहंगम दृश्य नभ का, देख हृदय कंवल खिल आया... Poetry Writing Challenge · संकलन...उर्वर मन 1 330 Share