manan singh Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid manan singh 11 Jan 2017 · 1 min read चोटियों को मापती हैं बेटियाँ अब गगन 2122 2122 212 चोटियों को मापती हैं बेटियाँ अब गगन बन बोलती हैं बेटियाँ।1 हो रहे रोशन अभी घर देख तो रूढ़ियों को तोड़तीं है बेटियाँ।2 अब नहीं काँटे चुभेंगे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 566 Share