Mamta gupta 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta gupta 1 Feb 2019 · 1 min read यादें तुम को छूकर जो हवा आती है अक्सर मेरी दहलीज पर ठहर जाती है पैगाम है कहीं से खास दुआओं का सहलाकर यूं मेरे मन को चली जाती है रंग... Hindi · कविता 4 2 688 Share Mamta gupta 19 Jan 2019 · 1 min read विघटन अधरों पर मुस्कान सजाए ,दिल में सौ तूफान लिए लो चली आज अबला नारी ,फिर जीने का सामान लिए। अरमानों की चिता जलाकर, होम किए सपने सारे झुकी हुई नजरों... Hindi · कविता 3 3 402 Share Mamta gupta 8 Dec 2018 · 1 min read यादें महीनों बीत गए तुम्हे देखे बीते बरसों संग चले। मन यादों से रीत न पाया बन दीपक दिन रैन जले। कैसा साथ तुम्हारा था प्रिय कैसी दिवसों की व्यथा अनूप... Hindi · कविता 1 2 533 Share Mamta gupta 3 Nov 2018 · 1 min read तुम ही तो हो शब्द तु्म्ही आकार तु्म्ही हो नयनों का परिहार तु्म्ही हो स्पर्शों का आभास तु्म्ही हो जीवन का मधुमास तु्म्ही हो हरदिन सामने रहते हो पर नयनों की मृदु प्यास तुम्ही... Hindi · कविता 9 6 627 Share Mamta gupta 2 Nov 2018 · 1 min read इंतजार तेरा आना,मन को मुदित करे तेरा आना रैन दिवस सब मेरे सपनो में खो जाना हर पल पंथ निहारु,सुधि तेरी न बिसारुं मैं बुनूं कोई आक्रृति,मन पाए अकूत सम्पत्ति तुझको... Hindi · कविता 5 4 561 Share Mamta gupta 1 Nov 2018 · 1 min read मां मां का तो आंचल बना है, अश्रु पी जाने के लिए। नयनोंं मे सागर रूका है, ममता बरसाने के लिए। ढेरों मन्नत मांग कर , मां बसाती है जो आशियाने।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 72 898 Share Mamta gupta 1 Nov 2018 · 1 min read मां मां का तो आंचल बना है, अश्रु पी जाने के लिए। नयनो मे सागर रूका है, ममता बरसाने के लिए। ढेरों मन्नत मांग कर , मां बसाती है जो आशियाने।... Hindi · कविता 10 2 760 Share