कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 2 Jul 2025 · 1 min read हे नारी तुमको बंदन हैं हे नारी तुमको बंदन हैं तुम रचना सबसे सुन्दर हो इस धरती के भूतल पर प्रथम तेरा अभिनन्दन हो तुम रचना *********** तुम प्रकृति की फुलवारी हो तुम बच्चे की... Hindi · कविता · गीत 129 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 1 Jul 2025 · 1 min read वो पल याद हैं दिल लगाया था तुमसे, थी मेरी कमी, अब उमर भर रहेगी, आँखों में नमी I तुम मिलोगी नहीं, ये मुझे है पता, मै तुम्हे मानता फिर भी अपनी जमीI मैं... Hindi · ग़ज़ल 102 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 30 Jun 2025 · 1 min read शिव स्तुति शिव सर्वदा संकल्प शम्भू साधना है शिव नर्वदा शिव भव प्रदा आराधना है शिव के मस्तक की चमक से चन्द्रमा है शिव है तो संसार की परिकल्पना है शिव जटा... Hindi · मुक्तक · शिव स्तुति 139 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 27 Dec 2022 · 1 min read जीवन की अफरा तफरी जीवन जीना एक कला है हर व्यक्ति प्रकति में ढला है अच्छी बुरी कड़ियों से जुड़ा है इसी अफरा तफ़री में पल पल जला है जीवन जीना एक कला है... Hindi · कविता 1 548 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 27 Dec 2022 · 1 min read पिता बच्चों का सम्पूर्ण इतिहाश है पिता बच्चों की कहानियों का अभ्यास है पिता बच्चों के जीवन का अनपढा उपन्यास है पिता उंगली पकड़कर चलना है पिता बच्चों के झूले का पलना है पिता बच्चों की... Hindi · Poem · कविता 1 1k Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 8 Aug 2022 · 1 min read लिपट कर तिरंगे में आऊं एक छोटी सी ख्वाहिश है मेरी बलि की बेदी को मैं चूंम आऊं आऊं हाथों में लेकर तिरंगा या लिपट कर तिरंगे में आऊं भारती मां फिकर तुम न करना... Hindi · गीत 2 566 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 7 Aug 2022 · 1 min read सरल हो बैठे तेरी अम्बक की "हाला" में, चित को आज" भिगो" कर बैठे।। शायद कोई "क्षण" जाए जाए, सोंच के यही" सरल " हो बैठे।। मिलन की "आस" लगा कर के हम,... Hindi 2 2 649 Share कवि आशीष सिंह"अभ्यंत 7 Aug 2022 · 1 min read कोरोना काल "प्रचण्ड चंड ज्वाल है!! धरा पे जो सवाल है,लोक भी बेहाल है मन बहुत अचेत है,कुछ नही सचेत है समय की यह लपेट है,कोरोना की चपेट है अजान जान कर... Hindi · कविता 1 1 481 Share