Dr. Mahesh Kumawat 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Mahesh Kumawat 28 Jul 2024 · 1 min read किस्सा चलो आज फिर थोड़ा लिखते हैं, काग़ज़ भी तो शब्दो को तरसते है। फिर मन की कोई बात ले आते है, कोई नया किस्सा बतलाते है।। कुछ सूनी कुछ अनसुनी,... Hindi 1 70 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read वो तो एक पहेली हैं मीठी सी उसकी मुस्कान हैं, प्यारी लगती उसकी अटखेली हैं। क्या नाम उसे दूँ मैं, वो तो एक पहेली हैं।। कहो सुबह की ताज़गी, या फिर वो सादगी हैं। करती... Poetry Writing Challenge-3 2 89 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 2 min read एक चुटकी सिन्दूर एक खूबसूरत शाम, जल्दी थी उसे काम निपटाने की। मैंने पूछा क्यों हैं ख़ुशी रमेश बाबू, आज तुम्हें घर जाने की।। पलट कर मेरी ओर, उसने मुस्कान दिखाई। फिर बीवी... Poetry Writing Challenge-3 1 68 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read डोर एक अदृश्य सी हैं डोर, तुम और मैं हैं जिसके दोनों छोर। कभी तुम तो कभी मैं, खींचे एक दूजे को अपनी ओर। नारी रूप की, अलग ही हैं शान।... Poetry Writing Challenge-3 2 92 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 2 min read तस्वीर एक कहानी सुनी थी हमने, अपने भारत की आज़ादी की । कितनी शहादत थी लोगो की, अपनी धरती वापस पाने की ॥ व्यापारी बनकर आये थे वो, धीरे धीरे राजा... Poetry Writing Challenge-3 1 88 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read शब्द कभी कभी कागज़ पर, मन की बातें लिख जाता हूँ। जो कह न पाऊं, लिखकर यहाँ बतलाता हूँ।। लिखकर जताने का भी, अलग सबब हैं। इसलिए सब कुछ, लिख जाता... Poetry Writing Challenge-3 1 86 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 2 min read अंतर नन्हा बालक होता है अबोध, ना समझे वो कोई शोध। वो तो है एक अभिन्न कृति, ना जाने वो मानव प्रकृति।। जब होती उसको भूख, नापसंद चीज को वो देता... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read अधबीच समझ, हैं एक छोटा आसान सा ये शब्द। पर, कर देता है कभी कभी निःशब्द।। रिश्तों की डोर, एक कच्चे धागे सी। बचाने को, लगती कोशिश मुश्किल सी।। अपना, शब्द... Poetry Writing Challenge-3 1 74 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read कोहरा सर्द मौसम, देता एक सन्देश है गहरा। जीवन भी है, जैसे सुबह का कोहरा।। ना आगे कि, कुछ खबर। ना पता पीछे, किसका है पहरा।। आगे बढ़ते-बढ़ते, मिट जाता पीछे... Poetry Writing Challenge-3 1 96 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read चिंगारी ना मेरे मन की, बात जाने । अब हर कोई, मुझे ही समझाता।। ख़ुशी से न कोई, अब मेरा नाता। दिल को मेरे, मैं हूँ समझाता।। हर कोई, अपनी मर्जी... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read आओ लौट चले 2.0 आओ लौट चले, उन सुख से भरी वादियों में । खेतो की छोटी छोटी सी क्यारियों में, बचपन की नादान किलकारियों में ।। जहाँ था पता हमें बस अटखेलियों का,... Poetry Writing Challenge-3 2 72 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read आओ लौट चले आओ लौट चले, उन सुख से भरी वादियों में, खेतो की छोटी छोटी सी क्यारियों में । बचपन की नादान किलकारियों में, रेत में नन्हे हाथो से बनी लकीरो में... Poetry Writing Challenge-3 1 65 Share Dr. Mahesh Kumawat 22 May 2024 · 1 min read कैसे कहे अपने ज़ज़्बातों को, ज़ुबाँ पर लाने से हैं डरते। दूर ना हो जाओ, यही सोचकर चुप हैं रहते।। तुम हो एक, उन्मुक्त पवन का झौंका। जिसकी शीतलता से, हम गदगद... Poetry Writing Challenge-3 1 100 Share