महेंद्र सिंह किरौला 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read करवाचौथ यत्र व तत्र प्रेम शांति अमृत सती सावित्री नारी वो नारी जगत की जननी सत नमन युग का दुःख ह्रदय मे लुप्त कुसुम तुम पति अभी भी परमेश्वर रहा कलयुग... Hindi · हाइकु 3 1 396 Share महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read मन्नू की आत्मजा मि मि मि मि बोल रही है करवट लेकर वो लेटी है शायद अब पहचान हो गई ४ महीने की मेरी बेटी है मम्मी पल भर दूर चली तो उसको... Hindi · कविता · बाल कविता 2 506 Share महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read कहार क्षितिज पर दिखते है वो कहार, इस क्षण नयनो को मेरे यार, झरने दृग जल के बहते है उसमे बैठा है मेरा प्यार. उनसे एक बात थी कहनी, सुन री... Hindi · गीत 1 426 Share महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read साकी तेरा काम है कैसा कैसा जीवन यापन करता वो सबके पात्रों को भरता समाज और परिवार के साथ समय बिताने को वो मरता . दिनचर्या को अपनी भूलकर आधुनिक जीवन का हिस्सा बनकर लोगो... Hindi · लेख 1 286 Share महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read सखी और सम्बन्ध न कोई है रिस्ता न कोई है नाता शायद इसे लिखने भूले बिधाता अगर धागे उससे जुड़े ही न होते तो हर रोज उसको क्यों झरोखे मे पाता निरंतर ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 398 Share महेंद्र सिंह किरौला 18 Oct 2019 · 1 min read सत्य धरा का सत्य है कुछ नहीं धरा पर सिवाय उस अजेय मृत्यु के जन्म सच नहीं कर्म सच नहीं ये सामाजिक बंधन और रिवाज साथी सच नहीं, शादी सच नहीं सच नहीं... Hindi · कविता 1 379 Share महेंद्र सिंह किरौला 11 Feb 2018 · 1 min read प्रेम शांति और सामंजस्य प्रेम शांति और सामंजस्य अपना लो फिर अमन का चिराग जलालो जो बीज नफरतो के बो गए वो अब सास्वत ही सो गए बृक्ष काँटों के हटा कर एक फूलो... Hindi · गीत 1 243 Share महेंद्र सिंह किरौला 11 Feb 2018 · 1 min read स्वप्न : साहित्य प्रेम का बीज कल रात, हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञानं मे डिक्टेशन थी आयी जिला अल्मोड़ा मे मैंने प्रथम श्रेणी थी पायी जगह जगह से लोग आये थे देने मुझे बधाई प्रफुल्लित था, गौरवान्वित था,... Hindi · कविता 1 421 Share महेंद्र सिंह किरौला 11 Feb 2018 · 1 min read अतीत की झंकार अतीत की झंकार से न डर ये तेरा भविष्य नहीं इससे जुड़ा है ये मगर कोई प्रलाप-विलाप न कर महत्वकांशा, याद रख लक्ष्य कठिन परिश्रम की बागडोर थाम पग पग... Hindi · कविता 384 Share महेंद्र सिंह किरौला 11 Feb 2018 · 1 min read इंदु अपरिचित इंदु मिलन की सीर बस एक विरह के पाहन अनगिनत वहाँ संकरे मार्ग, अनभिज्ञ दिशा अनुभूति हुयी थी स्वर्ग की जहाँ दोष एक मात्र बलिदान और प्रेम अक्सर ये रास्ते... Hindi · लघु कथा 508 Share महेंद्र सिंह किरौला 23 Jan 2017 · 1 min read एक कैरिबियाई रात एक रात महासागर किनारे, प्रसिद्ध चिंचिलाद के द्वारे, मनोरंजन , सोमरस मे लिप्त, भीड़ मे हम और हमारे. मदिरा का अनियंत्रीत पान, और कुछ भी अधरों से बखान, कैरिबियाई त्यौहार... Hindi · कविता 335 Share महेंद्र सिंह किरौला 23 Jan 2017 · 1 min read आत्महत्या चार औरतें कोने मे परस्पर करती बात सकरपुर की उस गली मे उस रोज काली भयंकर रात ब्याकुल सारे लोग थे लेकिन वो छोटा बच्चा रोता था आज लद गया... Hindi · कविता 296 Share महेंद्र सिंह किरौला 21 Jan 2017 · 1 min read बिटिया : मेरी संजीवनी मैं सात समुन्दर पार हु रहता हर पल जल थल छू के कहता नेत्र बांध करुणा के बल से क्षतिग्रस्त हु उस धरातल पे झरोखे मैं आकर बिटिया पुकारे कैसे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share