भूरचन्द जयपाल Tag: ग़ज़ल/गीतिका 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भूरचन्द जयपाल 1 Jan 2019 · 1 min read यादों के सफ़र में प्रारम्भिक बोल विगत बीत गया अब आगत का स्वागत स्वागत स्वागत है अब नवागत- स्वागत भले- बुरे पल को बुरे कल को अब भूल झूल-झूम खुशियों में विगत को ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 312 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jul 2017 · 2 min read ***** मत पूछ सवाल ऐ जमाने ***** मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है वक्त आने पर बता देंगे,क्या हमारे दिल में है देख बाहर की चकाचौंध,ना ये कयास लगा मत पूछ सवाल ऐ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 698 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jul 2017 · 1 min read *** रूह का साथ अगर हो *** रूह का साथ अगर हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते लोग ख़ुद बनते अपने अपना बनाने से नहीं बनते रूह का साथ अगर हो तो रिश्ते बोझ नहीं बनते दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 481 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jun 2017 · 1 min read *** हम तो बहके हुए ख़्वाब हैं *** हम तो बहके हुए रातों के ख़्वाब है क्या रखेंगे ख़्याल अपना जो आप हैं दिल में उठता है धुवां या ये भाप हैं हम तो बहके हुए रातों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 328 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jun 2017 · 1 min read **** अँखियों में प्यास है **** 30.6.2017 प्रातः 5.21 अँखियों में प्यास है ये दिल उदास है कहते नही हो तुम अलग ये बात है अँखियों में प्यास है ये दिल उदास है रंगरंगत तुम्हारे चेहरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share भूरचन्द जयपाल 28 May 2017 · 1 min read ** ग़ज़ल ** आँखों के आंसुओं से दामन भिगो लिये हम तो यूं कुछ दूर ही टहलने चले गये ।। ******************************* करिश्मा देख मुहब्बत के जूनून का कल के पत्थरदिल आज पिघल गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share भूरचन्द जयपाल 21 May 2017 · 1 min read *** प्यार किया तो डरना क्या *** 20.5.17 रात्रि 12.02 प्रारम्भिक बोल ********* प्यार करना गुनाह नही है फिर डरते क्यूं हो जमाने से ज़ख्म देके करते दिल घायल हां मदहोश करती है पायल।। *** तेरी आयल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 7 May 2017 · 1 min read *** हिज्र की रात है *** 7.5.17 *** प्रातः 9.01 हिज्र की रात है और यादें तेरी गिन-गिन तारे अब बीते ना रातें अब कर रहमत इतनी मुझपर मेरे दिल से निकल जा ज़ालिम या मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 328 Share भूरचन्द जयपाल 3 May 2017 · 1 min read * कर-ना मुहब्बत इस जहां में * कर-ना मुहब्बत इस जहां में कर-ना मुहब्बत इस जहां में अज़नबी लोग है इस यहां में ग़मे उल्फ़त का दम भरते हैं कहते प्यार को प्यार ही हैं करते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 215 Share भूरचन्द जयपाल 23 Apr 2017 · 1 min read *तुम उदास हो चेहरे पे फिर उजास है * तुम उदास हो चेहरे पे फिर उजास है ग़म छुपाते हो दिल ये फिर उदास है कहते हो शायरी में ग़म कुछ खास है ग़म को करे दूर मगर दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 426 Share भूरचन्द जयपाल 11 Apr 2017 · 1 min read ** शुकुं-ए-जिंदगी ** शुकुं-ए-जिंदगी मिले तो कैसे बो दिये है बीज जो अब ऐसे बोएं बबूल और चाहे आम ये काम हो तो अब कैसे जो बो दिया है जिंदगी में जो खो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 318 Share भूरचन्द जयपाल 4 Apr 2017 · 1 min read *. और क्या चाहिए * महफूज़ दिल के सिवा और क्या चाहिए दिया दर्देदिल के सिवा और क्या चाहिए नजरें इश्क से सराबोर और क्या चाहिए गुफ़्तगू नम- नजरों से और क्या चाहिए इश्क तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 579 Share भूरचन्द जयपाल 2 Apr 2017 · 1 min read * नजरें करम हो अब हम पे कैसे * सफ़र जिंदगी का सुहाना हो कैसे नजरें करम हो अब हम पे कैसे रूहानी ग़ज़ल है रूहानी सफ़र है हक़ीक़त बने अब हर ख़्वाब कैसे आना कभी आना कभी मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 305 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** कैसे भूल जाऊं ** कैसे भूल जाऊं अपने दिल की आवाज़ दिल को कैसे समझाऊं दिल की बात कैसे भूल जाऊं ........... कैसे मैं मर जाऊं, झूठी शान के लिए घुट-घुट के ना मर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 738 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 2 min read ** कब तलक ** ? ****२४.५.२०१६*****? **** ***** स्वारथ के वशीभूत होकर आज मानव मौत का ताण्डव सहेगा कब तलक ****** मानव मानव से झगड़ेगा कब तलक मौत का ताण्डव रचेगा कब तलक ********... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 441 Share भूरचन्द जयपाल 17 Mar 2017 · 1 min read ** आसमां में सर अब उठा चाहिए ** जिंदगी को अब विराम चाहिए आदमी को अब आराम चाहिए कशमकश जिंदगी में बहुत है हल करने को हमराह चाहिए।। जीवन की कश्ती को पतवार चाहिए डूबने वाले को तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ख़्याल-ए-उम्र **** अब कुछ तो रखो ख्याल-ए-उम्र शाम-ए-जिंदगी ढलती जा रही है ।।१ दिल ना जलाओ इन ज़लज़लों से जिंदगी यूं ही सिमटती जा रही है ।।२ मत रख हाथ अंगार पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** कौन जाने ** हुस्नवालों की चाहत क्या ,कौन जाने कब आ जाये कयामत कौन जाने१ गुस्से में क्यों है गुलबदन गुलाब क्या जाने चेहरा है लाल गुलफ़ाम हालत कौन जाने२ मुहब्बत-ए-शौक रखते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 379 Share भूरचन्द जयपाल 7 Mar 2017 · 1 min read ** ये दिल हुआ ना कभी अपना ** ये दिल हुआ ना कभी अपना हुआ पराया होकर भी अपना खायी ज़ालिम जमाने की ठोकर दर-दर डर-डर आपा खो कर ये दिल की लगी है नही दिल्लगी मंजर इश्क-ए-तूफां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 705 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** ऐ हुस्नवाले ** ऐ हुस्नवाले तूं इश्क का एहतिराम कर यूं ठुकरा ना बेदर्दी इबादत-ए-इश्क । तेरी फ़ितरत नही क्या फ़जल-ए-दोस्त अदावत है किस वज़ह से इजहार कर। क्या एतबार नहीं मेरे इश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 601 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** चलना थोड़ी दूर था ** चलना थोड़ी दूर था उसमे ही क़दम लड़खड़ा गये फिर क्या जिंदगीभर साथ निभाओगे तुम याद करके वो वादे और कसमे हमनशीं कभी तुम पे तो कभी खुद पे आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 537 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल:-नफ़रत की आंधियां बसर की जिस शज़र के नीचे जिन्दगी अपनी रोशनी पसर क्या आज उस शज़र तक पहुंची नफ़रत की आंधिया इस असर तक पहुंची प्यार के अमर शज़र ले सफर तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 354 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read **** बीमार **** मै तेरे प्यार का बीमार हूँ ऐ जाने जिगर । तेरे प्यार की हर स्वांस से जिन्दा हूँ मगर । रफ़्ता-रफ़्ता ये जिंदगी मेरी चलने लगी किस ऒर । ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 404 Share भूरचन्द जयपाल 5 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल:- मैं बहुत साद हूं . ** ग़ज़ल ** 5.2.17 *** 11.45 ************** मैं बहुत साद हूं तेरी बेखुदी से तूं है मेरी उम्मीदो का राज़ **** मैं बहुत साद हूं तेरी बेखुदी से मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read * ग़ज़ल :- *** फ़जल **** फ़जल उनकी क्या असर कर गयी मेरी ग़ज़ल जो ग़ज़ल बन गयी सफ़ीना प्यार का उतारा किनारे फिर मांझी न जाने कहां खो गयी चाहा था बहुत चाहने वालों ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 459 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2017 · 1 min read तेरी आँखों के इशारे 29.12.16 ***** प्रातः 10.45 आज एक छोटा सा प्रयास ग़ज़ल ******* प्रारम्भिक बोल *********** जानेमन तेरी आँखों के इशारे ही बहुत है हमें अब मय पीने की जरूरत क्या है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 925 Share