मधुसूदन गौतम Tag: मुक्तक 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मधुसूदन गौतम 29 Sep 2024 · 1 min read जातिवाद का भूत अपनी जाति का देख के नेता ,उसको यारा गुरुर हुआ। छोड़ पार्टी अपनी वाली ,वह उस पार्टी में उतर गया। जब जीत चुनाव नेताजी ,ऊंची कुर्सी पर जा बैठे ,... Hindi · कोटेशन · मुक्तक 1 106 Share मधुसूदन गौतम 27 Sep 2024 · 1 min read जड़ों से कटना *221 122 221 122* *जो अपनी जड़ों से इक बार कटा है।* *इक न इक दिन वो अवश्य मिटा है।* *आजाद ख्यालों के चक्कर में पढ़कर* , *दो चार पल... Hindi · मुक्तक 133 Share मधुसूदन गौतम 22 Sep 2024 · 1 min read किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना। किसी को मारकर ठोकर ,उठे भी तो नहीं उठना। किसी का तोड़कर दिल , जिए भी तो क्या जीना। रहे लिपटे सदा निज स्वार्थ में तो क्या मिलेगा जी, मरे... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 48 Share मधुसूदन गौतम 5 Apr 2020 · 1 min read दीपक नही जलाये जी जिनके दिमाग मे भूसा हो ,वो दीपक नहीं जलाये जी। क्या मालूम वो आग पकड़ले ,सारा भेजा जल जाये जी। यह बात बहुत ही गहरी है ,सबको मत समझाओ, मूरख... Hindi · मुक्तक 1 735 Share मधुसूदन गौतम 26 Mar 2020 · 2 min read लोक डाउन में उपयोगी टिप्स मुक्तक के जरिये ★ लोक डाउन में उपयोगी टिप्स* ******************************* बंधें घर पर रहेंगे तो ,बताओ खाएंगे क्या जी? किया वो ही बताने का ,जतन मैंने यहाँ पर जी। मगर हर हाल में... Hindi · मुक्तक 2 546 Share मधुसूदन गौतम 17 Mar 2020 · 1 min read भोजन ,भक्ति ,भोग ?? आज का मुक्तक?? भोग ,भक्ति, भोजन सदा , फल देते तन्हाई में। मूर्ख ही इनको करते ,केवल जग दर्शाई में। मन तुष्ट हो भी जावे , पर इष्ट नहीं... Hindi · मुक्तक 1 297 Share मधुसूदन गौतम 29 Feb 2020 · 1 min read दुर्मिळ सवैया ,विधान सहित *दुर्मिल सवैया* विधान दुर्मिल सवैया छंद 24 वर्णों में आठ सगणों (।।ऽ) से सुसज्जित होता है। जिसमें 12, 12 वर्णों पर यति का प्रयोग किया जाता है। अन्त सम तुकान्त... Hindi · मुक्तक 4 1 947 Share मधुसूदन गौतम 27 Feb 2020 · 1 min read सवैया मत्तगयंद छन्द विधान सहित मत्तगयन्द सवैया विधान मत्तगयन्द सवैया 23 वर्णों का छन्द है, जिसमें सात भगण (ऽ।।) और दो गुरुओं का योग होता है। मध्यकालीन एवम।आधुनिक कवियों ने इसका काफ़ी प्रयोग किया है।... Hindi · मुक्तक 1 4k Share मधुसूदन गौतम 15 Feb 2020 · 1 min read Slap day पर मुक्तक *Slap day* हाथ की थाप लगे माँ की ,गुरु की मार मिले पटरी। डांट की मार बड़ों की ही ,बाप की मार बड़ी तगड़ी। और की मार नही अच्छी,खानी भी... Hindi · मुक्तक 1 326 Share मधुसूदन गौतम 15 Feb 2020 · 1 min read कृष्ण पिंड से कृष्ण पिंड से निकली दुनियाँ,कृष्ण पिंड में जाएगी। कृष्ण तत्व को बिन समझे ,बात समझ नहीं आएगी। प्रेम ,घृणा सब पागलपन है ,घुप्प अंधेरे के जैसा, रूह अनन्त है अनन्त... Hindi · मुक्तक 1 479 Share मधुसूदन गौतम 23 Jan 2020 · 1 min read उड़ान उड़ानें भर बड़ी भारी ,गगन को नाप बैठा मैं। कहां धरती फ़लक तक को , परो से माप बैठा मैं। थका थोड़ा तो आई याद ,मिल जाये पनाह माँ की... Hindi · मुक्तक 2 277 Share मधुसूदन गौतम 28 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक अध्यात्म रस ?? भोर वंदन?? (एक मुक्तक मात्रिक छन्द ) ******************************** कंचन खरा निकष पर होता, चार जांच कर लेने पर। काया भी परखी जाती है ,पांच आग तप लेने पर। पर... Hindi · मुक्तक 1 345 Share मधुसूदन गौतम 2 Nov 2019 · 1 min read एक चतुष्पदी यूँ ही प्रेम जिसको भी होता है अंधा बना देता है। इश्क की क्या कहूँ यह भी बिन बात सजा देता है। मुहब्बत भी दुनिया को जी भर सताती है । दिल... Hindi · मुक्तक 300 Share मधुसूदन गौतम 27 Oct 2019 · 1 min read हैपी दीवाली। विष्णुपद छंद पर कलम....ई। 16 +10 पंक्ति पूँछ(पदांत) 112 ******************************* दीपमालिका के अवसर पर प्रेमिल दीप जले। आलोकित हो हर पथ प्रियतम मन का तिमिर ढ़ले। शूल बने सब फूल... Hindi · मुक्तक 225 Share मधुसूदन गौतम 26 Oct 2019 · 1 min read रूप चौदस सुबह उठकर करो मालिश, मनालो रूप चौदस को। मिला उबटन लगालो जी, निखारो रूप चौदस को। लगाकर दूध थोड़ा सा, बदन कमनीय कर लो जी, मगर मुस्कान लब पर रख... Hindi · मुक्तक 2 268 Share मधुसूदन गौतम 16 Oct 2019 · 1 min read गुनहगार कौन? सबूती आधार पर बेशक संज्ञान ले। हर चीज़ का सबूत होता है जान ले। बेगुनाही का सबूत नही पर पास में। तो क्या किसी को गुनहगार मान ले। *कलम घिसाई* Hindi · मुक्तक 2 2 352 Share मधुसूदन गौतम 10 Oct 2019 · 1 min read ज्ञानी मत बन बहूत सारे कष्ट पायेगा ज्ञानी मत बन। नजारे नही देख पायेगा ध्यानी मत बन। सही मायने में भौंट बनकर जी ले एक दिन सारे सुख पायेगा हर पल अज्ञानी मत... Hindi · मुक्तक 1 236 Share मधुसूदन गौतम 9 Oct 2019 · 1 min read एक मतला एक शेर हम तो उड़ते नही उनके पर से। जाने जाते है अपने हुनर से। आजकल जो ये बदला ज़माना। हम निकलते नही है जी घर से। Hindi · मुक्तक 1 288 Share मधुसूदन गौतम 8 Oct 2019 · 1 min read मंच को छोड़ चलो अब मंच को छोड़ो ,कहीं अब और लिखेंगे। लगाकर गेप फिर थोड़ा ,यहां आकर के लिखेंगे। बचे हम बोर करने से , नहीं खुद बोर ही होवे। मजा लेने... Hindi · मुक्तक 247 Share मधुसूदन गौतम 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक यहाँ पर नीति पर चलना लगे भारी अनीति है। जहां दुष्कर्म पर लगती टिकी सब राजनीति है। बताओ पाप यह फलता जमाने में सुना है'कब। मगर बनती यहां सब पाप... Hindi · मुक्तक 276 Share मधुसूदन गौतम 28 Sep 2019 · 1 min read व्यंग दोहे की शक्ल में बिना बिके बकवास हे , कलम चले बेकार। कलम कसाई जब बने ,तब पूजे संसार। *1* कलम चले ईमान पर ,तो भूखे मर जाय। कलम बिके कोठी बने ,नित प्रतिष्ठा... Hindi · मुक्तक 449 Share मधुसूदन गौतम 25 Sep 2019 · 1 min read एक मुक्तक चंबल पर 1222 1222 1222 1222 शिल्प पर ******************************** हमारी माँ भी चंबल थी हमारी थी यही नानी। इसी के दम पे हम सब थे ,हमारी थी महारानी। जिसे हम मात कहते... Hindi · मुक्तक 1 256 Share मधुसूदन गौतम 24 Sep 2019 · 1 min read वक्तदान ज़रूरी रक्त न्यून है फिर भी हम, रक्तदान करते है। वक्त बहुत है फिर भी हम, वक्त दान से डरते हैं। वक्त निकाल कभी अपनो, पर तोड़ा सा खर्च करें, ।... Hindi · मुक्तक 1 440 Share मधुसूदन गौतम 23 Sep 2019 · 1 min read ताकत नोट की * ताकत नोटों की * ======================== रिश्तों का पैमाना क्या? जानता हूँ। दोस्तों का अपनापन 'पहचानता हूँ। नपता जीवन गांधी की, नापनी से। नोटों की है ताकत क्या? मानता हूँ।... Hindi · मुक्तक 3 244 Share मधुसूदन गौतम 22 Sep 2019 · 1 min read *पानी* ★मेरी बाढ़ कविता से एक मुक्तक★ ???????????? उतर पानी गया देखो, जगह सब जो भरा पानी। गई हो बाढ़ तो लेकिन ,गया ना आंख का पानी। अमीरों के घरों में... Hindi · मुक्तक 2 482 Share मधुसूदन गौतम 18 Sep 2019 · 1 min read डिग्रियाँ चन्द कागज़ के टुकड़ों ने इतना घमण्ड भर दिया। जिन्हें हम डिग्रियां कहते उन्ही ने उदण्ड कर दिया। इल्म क्या होता है कुछ मालूम नहीं भले ही ज़रा सा, दूसरो... Hindi · मुक्तक 1 1 265 Share मधुसूदन गौतम 11 Sep 2019 · 1 min read चन्द्रयान 2 पर मुक्तक मिशन चन्द्र का फैल हुआ है , तो क्या हम घबरा जाये। एक असफलता से डरकर के ,क्या हम छिपते जाये। अरे खेल का हिस्सा है यह, फैल पास का... Hindi · मुक्तक 2 393 Share मधुसूदन गौतम 7 Sep 2019 · 1 min read चन्द्रयान 2 पर एक मुक्तक हार गए है गेम फाइनल, घबराने की बात नहीं। जीत एक दिन जाएंगे , रहती गम की रात नहीं। मेहनत ही अपनी थाती है, मेहनत हमने कर डाली। वेल डन... Hindi · मुक्तक 2 287 Share मधुसूदन गौतम 19 Mar 2017 · 1 min read चार मुक्तक मै तुमको जीने की कला एकसिखलाता हूँ। अकिंचन हो जाने की राह तुम्हे बतलाता हूँ। लेकिन तुम पड़ो नही इन बातो में सुनलो। क्यों में लाखो की कारो में आता... Hindi · मुक्तक 624 Share मधुसूदन गौतम 27 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जिस मिट्टी में जन्म लिया उस पर सम्मान नही होता। गैरों को पूजा जाता हो अपनों का ध्यान नही होता। पर गैरो की धरती पर तो उसको मिलता जब मान... Hindi · मुक्तक 339 Share मधुसूदन गौतम 18 Jan 2017 · 1 min read शुभ प्रभात ? *जय श्री कृष्ण*? काम और आराम दिन और रात की तरह है। वक्त के मुताबिक दोनों छोटे और बड़े होते है। जो बना लेते है सन्तुलन इनमें समझकर। वो... Hindi · मुक्तक 396 Share मधुसूदन गौतम 29 Jun 2016 · 1 min read कलम घिसाई एक मुक्तक 32 मात्रिक भार की आज मैं ऊँचे आसन पर मसनद के सहारे बैठा हूँ। देख जमीन पर लोगो को खूब घमन्ड में ऐंठा हूँ। इस आसन पर चढ़ने में पर कितना जियादा गिरा हूँ... Hindi · मुक्तक 307 Share