हरेन्द्र सिंह कुशवाह 'एहसास' 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हरेन्द्र सिंह कुशवाह 'एहसास' 3 Apr 2017 · 1 min read तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है, और तू है मेरे गांव को गँवार कहता है। ऐ शहर मुझे तेरी सारी औक़ात पता है, तू बच्ची को भी हुस्न ए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 661 Share हरेन्द्र सिंह कुशवाह 'एहसास' 18 Nov 2016 · 1 min read मैं हिन्दुस्तान हूँ सरदार के आज़ाद सपनो का मेरे सीने से निकला है लहूँ अपनो के ज़ख़्मो का , महल कब हाल पूँछेगे घिसीं बेकार सड़को का । मेरी हालत बनाई है किसी अबला अभागिन सी , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 832 Share हरेन्द्र सिंह कुशवाह 'एहसास' 15 Nov 2016 · 1 min read सभी इल्ज़ाम शीशे पर ये जग कब तक लगायेगा सभी इल्ज़ाम शीशे पर ये जग कबतक लगायेगा , भला। नाकामियों को वो यहाँ कैसे छुपायेगा । तुम्हारा है तुम्ही रख लो उजाला और सूरज भी , हमारा यार जुगनू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 790 Share