singh kunwar sarvendra vikram Tag: कुंवरसर्वेंदकीकविताएं 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid singh kunwar sarvendra vikram 15 Sep 2024 · 1 min read मन की चाहत मैंने तुझे जो चाहा, मैंने तुझे जो पूजा ढूँढ़ों जो ढूँढ़ती हो, आशिक मिले जो दूजा ख़ामोश है जुबाँ जो पर दिल ये डोलता है आँखों का मेरे मंज़र रह–रह... Hindi · Kunwarsarvendravikramsingh · कविता · कुंवरसर्वेंदकीकविताएं · गीत 1 142 Share