singh kunwar sarvendra vikram Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid singh kunwar sarvendra vikram 1 Oct 2024 · 1 min read सोच रहा अधरों को तेरे....! सोच रहा अधरों को तेरे, गीतों में मैं लिख डालूँ प्रणय–कामना सहवासी, रातों का चुम्बन लिख डालूँ अपने हाथों लिख डालूँ मैं सुख–दुःख के इतिहास को लिख डालूँ नैनों के... Hindi · Kunwarsarvendravikramsingh · Lovesong · Trending · कविता · सोच रहा अधरों को तेरे 2 2 791 Share singh kunwar sarvendra vikram 28 Sep 2024 · 1 min read प्रेम की मर्यादा प्रेम में मर्यादा सोहे न सोहे है वासना मन नियंत्रित न रहे उपजे दूषित भावना आँखों में है रोग रोहे पलकों पर दुर्भावना दृष्टि पावन न रहे तो ओझिल हो... Hindi · Hindipoetry · Kunwarsarvendravikramsingh · Poetryoflove · Premkimaryada · कविता 2 2 165 Share singh kunwar sarvendra vikram 24 Sep 2024 · 1 min read कल है हमारा गर्दिश में जो छिपा पड़ा हूँ आसमान का हूँ मैं तारा बीते कल ने साथ जो छोड़ा आने वाला कल है हमारा –कुंवर सर्वेंद विक्रम सिंह ★स्वरचित रचना ★©️®️सर्वाधिकार सुरक्षित Hindi · Hindi_sahitya · Kunwarsarvendravikramsingh · कल है हमारा · कविता · कुंवरसर्वेंद्रकीकविताएं 1 93 Share singh kunwar sarvendra vikram 15 Sep 2024 · 1 min read मन की चाहत मैंने तुझे जो चाहा, मैंने तुझे जो पूजा ढूँढ़ों जो ढूँढ़ती हो, आशिक मिले जो दूजा ख़ामोश है जुबाँ जो पर दिल ये डोलता है आँखों का मेरे मंज़र रह–रह... Hindi · Kunwarsarvendravikramsingh · कविता · कुंवरसर्वेंदकीकविताएं · गीत 1 142 Share singh kunwar sarvendra vikram 22 Aug 2024 · 2 min read अनुरक्ति की बूँदें मैं प्रेम को रोपने वाला किसान हूँ स्त्री धरती है मैं उसके मन पर प्रेम का हल चलाता हूं और उगाता हूँ मोहब्बत की फसल अपने प्रीत के रस से... Hindi · Hindipoetry · Kunwarsarvendravikramsingh · अनुरक्तिकीबूँदें · कविता · कुंवरसर्वेंद्रकीकविताएं 177 Share singh kunwar sarvendra vikram 10 Jul 2024 · 1 min read मासूम कोयला एक मासूम से लगने वाले कोयले ने कनक अंगार की चादर ओढ़ ली बिना मायनों वालों को मायनों का भ्रम देकर उनकी प्यासी लालची निगाहों को प्रीत का वहम देकर... Hindi · Hindipoetry · Hindisahitya · Kunwarsarvendravikramsingh · कविता · कुंवरसर्वेंद 169 Share singh kunwar sarvendra vikram 22 Jun 2024 · 2 min read सिंहपर्णी का फूल मेरे प्रेम का गुलाब तुमने नोंचकर फेंक दिया और अपनी रेशमी जुल्फ़ों में गूँथ लिया सिंहपर्णी का पीला फूल! गुलाब नोंचने से पहले जरा उसकी रंगत को गौर से देखा... Hindi · Poetry By Kunwar Sarvendra Vik · कविता · कुंवर सर्वेंद्र की कविताएं · प्रेम और विरह की कविताएं · सिंहपर्णी का फूल 2 3 169 Share singh kunwar sarvendra vikram 1 Jun 2024 · 1 min read चली लोमड़ी मुंडन तकने....! साठ साल की बड़ी लोमड़ी अंगारों पर चढ़ी लोमड़ी राजकुलों का मुण्डन तकने मचल पड़ी नकचढ़ी लोमड़ी औकातों से ऊँचे सपने देख रही सरचढ़ी लोमड़ी पहले लोगों को फुसलाया फिर... Hindi · Hindi Poetry · Poetry By Kunwar Sarvendra · कविता · कुंवर सर्वेंद्र की कविताएं · लोमड़ी Fox 214 Share singh kunwar sarvendra vikram 28 May 2024 · 1 min read मैं भी कोई प्रीत करूँ....! तुमसे मिलकर लगा युँ मुझको, मैं भी कोई प्रीत करूँ राग–हृदय का तुम्हें बनाकर, खुद में मैं संगीत भरूं हिय की नाव लहर में आई, मापू कैसे मैं गहराई जी... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Poetry By Kunwar SarvendVikram · कविता · कुंवर सर्वेंद्र · गीत 214 Share singh kunwar sarvendra vikram 8 Mar 2024 · 1 min read मैं नारी हूं...! मैं नारी हूं सीता सावित्री मैत्रेयी गार्गी और अपाला केवल तन के भूगोल को पढ़ते हे पुरुष ! क्या तुमने मेरे अंतर्मन को भी कभी पढ़ा है पढोगे तो जानोगे... Hindi · Internationl Women's Day · Kunwar Sarvendra Vikram Singh · अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस · कविता · नारी पर हिंदी कविता 1 2 258 Share singh kunwar sarvendra vikram 6 Mar 2024 · 1 min read कई खयालों में...! कई खयालों में मुझको, तू घोल जाती है तेरी आदत है फिर मुझको, भूल जाती है रंग–बिरंगी तितली सी, तू दिल छू जाती है पकडूं कैसे तुझको तू, हरदम उड़... Hindi · Kunwar Sarvendra · TRENDING Kavita Poem Geet · कविता · कुंवर सर्वेंद्र · गीत 161 Share singh kunwar sarvendra vikram 5 Mar 2024 · 1 min read तुझे पाने की तलाश में...! तुझे पाने की तलाश में, दर–दर भटक रहा हूं मिट्टी में हुआ पैदा, मिट्टी में मिल रहा हूं तलवों में जो छाले पड़ते, जलती सी इस रेत में राहत पाने... Hindi · Kunwarsarvendra · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 223 Share singh kunwar sarvendra vikram 5 Mar 2024 · 1 min read मेरी भी कहानी कुछ अजीब है....! मेरी भी कहानी, कुछ अजीब है मेरा कोई दोस्त, न रकीब है जिंदगी है एक तितली, रंग लेके हाथ फिसली जाने हाथ किसके, अब नसीब है मेरी भी कहानी,कुछ अजीब... Hindi · कविता · गीत 124 Share