Krishna Kumar Yadav 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Kumar Yadav 10 Nov 2018 · 1 min read एक माँ ट्रेन के कोने में दुबकी सी वह उसकी गोद में दुधमुँही बच्ची पड़ी है न जाने कितनी निगाहें उसे घूर रही हैं, गोद में पड़ी बच्ची बिलबिला रही है शायद... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 23 517 Share