Kirtika Namdev Tag: मधुशाला 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kirtika Namdev 15 May 2024 · 1 min read तुम मुझमें अंगार भरो तुम मुझमें अंगार भरो। तुम मुझमें श्रृंगार करो।। चाहे तुम देखो मुझ में। अपने जीवन की मधुशाला।। टूट रहा जो भीतर से। क्या उसको दिखलाओगे? लिख दे तू कुछ ऐसा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रेरणादायक कविता · मधुशाला · सत्य · हरिवंशराय बच्चन जी 92 Share Kirtika Namdev 13 May 2024 · 1 min read पिता और प्रकृति मूल प्रेरणा:- कितना दूर जाना होता है पिता से, पिता जैसा होने के लिए । — अज्ञेय (रचना:-) मैं हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा सा दूर जाती हूँ पिता से, पिता जैसा... Poetry Writing Challenge-3 · अज्ञेय · जीवन · पिता · प्रकृति · मधुशाला 1 111 Share