Khushboo kumari 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Khushboo kumari 18 Nov 2018 · 1 min read सुरज धूप देता है, छाँव करता है, सूरज, हर सुबह उगता है, न ही किसी से उम्मीद, न ही किसी से कोई मांग, उगता है रोज वो, करता रहता है अपना... Hindi · कविता 2 395 Share Khushboo kumari 13 Nov 2018 · 1 min read गोल दुनिया ये दुनिया का भूगोल है, धरती हमारी गोल है, अर्थशास्त्र पर दुनिया है, दौलत ही हमारी मुनिया है, राजनीति एक स्रोत है, व्यवस्था में झोल है, इतिहास भी क्या, गजब... Hindi · कविता · बाल कविता 4 2 332 Share Khushboo kumari 2 Nov 2018 · 1 min read माँ तेरा रूप है मुझमे, मैं रहती हूँ तुझमें, हर आह में तुझे बुलाऊँ, तेरी आँचल में, सुकुन की नींद सो जाऊँ, माना कि कह देती हूँ तुझे झिझक के, पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 35 715 Share