Chhaya Shukla Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Chhaya Shukla 22 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक - रोला छन्द में ***** तुमसे मिलकर बात , समझ मेरे ये आई | जीवन है सुर ताल , नहीं विपदा विपदाई | कल तक थी ये शाम,घोर रजनी का आँचल अब लगती है... Hindi · मुक्तक 1 2 328 Share