नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर Tag: ग़ज़ल 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 22 Feb 2024 · 1 min read नींद कि नजर खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।। तन्हा जिंदगी के उम्मीदों के समन्दर में अंदाज़ जिंदगी का अरमान दे रही है।। खामोश... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 40 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Feb 2024 · 1 min read काश तुम मेरी जिंदगी में होते ----विषय--काश तुम --- काश तुम मेरी ज़िंदगी में जो होते ज़िंदगी से इतनी शिकायत न होती।। वफ़ा ज़िंदगी में बेवफाई न होती मोहब्बत के हम भी मसीहा ही होते जिंदगी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 51 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 12 Feb 2024 · 1 min read दिल कि गली दिल की गली में बाहारों की बरखा प्यासी कली पागल हुई नदी सी सागर पिया से मिलने चली।। फुहारों की बरखा दिल पे मुहब्बत की दस्तक बाहारों की तुफा पागल... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 53 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 26 Jan 2024 · 1 min read यादों के तराने यादों के तरानों में पलके हैं बिछाएँ हमने अरमानों के ख्वाब सजाए हमने!! यादों के तरानों में पलके हैं बिछाएँ हमने अरमानों सजाए हमने!! लाख तूफानों में गिरती संभलती जिंदगी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 68 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 15 Jun 2023 · 1 min read दिल के रिश्ते दिल रिश्ते---- चाहत की ऊंचाई को बाजार नहीं बनने देते। दिल सांसों धड़कन की गहराई में ही रहने देते !! नादा हैं वो जो दुनिआ को नादान समझते रहते है।... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 95 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 30 Dec 2022 · 1 min read इश्क इश्क- जाबए इश्क जिंदगी इश्क यकीन जिंदगी ने जाना। हुस्न इश्क आग का दरिया डूबते जाना।। इश्क में जीना मरना मीट जाना इश्क हद से गुजरता जुनून जज्बा इश्क आँसू... Hindi · ग़ज़ल 1 129 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 30 Dec 2022 · 1 min read औरत औकात औरत औकात - अदा अंदाज़ जन्नत कि जीनत फूल सी नाज़ुक पांव जमीं पे अपसाना।। जमाने का डोलता ईमान तेरे इशारे का खुदा मेहरबान करम अंजाम तेरा जलवा इशारा खुदाई... Hindi · ग़ज़ल 236 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 29 Dec 2022 · 1 min read खास अंदाज 1- ख़ास अंदाज़ - बात कुछ दिल दुनियाँ ख़ास अंदाज़।। तूफ़ान समन्दर क़ातिल ख़ास अंदाज़, कली नाज़ुक कशिश चाहत मुस्कान ख़ास अंदाज़।। सुबह सूरज की लाली सुर्ख गाल लव गुलाबी... Hindi · ग़ज़ल 126 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 29 Dec 2022 · 1 min read हैं शामिल 2-है शामिल - नामुमकिन भूला पाना , ज़िंदगी में इस क़दर है शामिल ।। ज्ज्बा क़िरदार लम्हा लम्हा संजीदा ज़िंदगी का एकरार हैं शामिल।। ख़ामोश ज़िंदगी में ज़ुल्म सितम का... Hindi · ग़ज़ल 151 Share