कविता झा ‘गीत’ Tag: बेबसी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read बेबसी! अज़ीब बेबसी है सब लाचार, चुप चाप वक्त भी हाथों से बह गया है दुआओं में असर ज़रा कम है सूर्ख आँखें भी आज नम है बेबसी का अजब आलम... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · कविता · गरीबी · बेबसी 108 Share