कविता झा ‘गीत’ Tag: नारी- श्रृष्टि का आधार 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read श्रृष्टि का आधार! अब नहीं चिंता किसी को, फ़िक्र नहीं ज़रा भी तेरी आज, उठना होगा स्वयं से तुझे हे नारी! करना होगा प्रतिघात। सहने की उम्र गयी, बीत गए लम्हे सब जल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · नारी- श्रृष्टि का आधार · स्वयं शक्ति 107 Share