कविता झा ‘गीत’ Tag: नारी शक्ति 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read युग प्रवर्तक नारी! युगों को पैरों से धकेल, मिथ्या भ्रांतिओं को खदेड़, लड़ कर सब से अकेले, आगे बढ़ रही नारी। कभी संस्कारों के बोझ तले दबाया गया, कभी सही-ग़लत के पैमाने पर... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · नारी शक्ति · महिला सशक्तिकरण · युग प्रवर्तक नारी 109 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read पत्थर तोड़ती औरत! धूप में पत्थर तोड़ती औरत को कभी देखा है निर्भीक, पसीने से लथ-पथ चुप चाप अपने काम में लगी ना किसी से कोई उम्मीद, ना किसी से कोई बात ना... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · नारी शक्ति · नारी सशक्तिकरण · पत्थर तोड़ती औरत 116 Share