कविरंजन मधुकर डिबाई 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कविरंजन मधुकर डिबाई 16 Jan 2022 · 1 min read श्री राम स्तुति हे राम भद्र हे राजीव लोचन जय राम चंद्र भवभय मोचन।।१ हे दुष्ट निकंदन खरध्वंसी। कौशल्यानंदन रघुवंशी।। सीता पति हे रघुकुल चंदन। कौशलेय हे दशरथ नंदन।। पुण्योदय विराधबध पण्डित। मितभाषी... Hindi · कविता 1 1 224 Share