Anand singh rathaur 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anand singh rathaur 1 Dec 2018 · 1 min read पथिक न पथ पर ठहरे तब तक ।। पथिक न पथ पर ठहरे तब तक ।। सूरज की ज्वाला भी दहके, थक कर डगमग पद भी बहके । रुके न पथपर-थमे न पथपर , शैलो की ठोकर भी... Hindi · कविता 3 3 288 Share Anand singh rathaur 5 Nov 2018 · 1 min read क्योंकि माँ तो, माँ होती है ।। - कवि आनंद धरती के रज से बालक का, जब प्रथम समागम होता है । कोई बच्चा, इस दुनिया को , जब देख ठिठक कर रोता है ।। होकर उल्लासित माँ, उसको तत्क्षण... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 45 1k Share