Kavi Agyat 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi Agyat 13 Nov 2018 · 1 min read माँ बहुत बुरी है दिन वो बचपन के तब सब, पुराने लगते थे, मुझे बेकार लोरियों के तराने लगते थे, ऐसा लगता था, कोई संग धोखा हुआ है, सफ़ल होने से मां ने मुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 34 640 Share