Kaushal Kumar Pandey आस Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kaushal Kumar Pandey आस 3 Jun 2023 · 1 min read मन की आँखें खोल आँख मूंद लें चाहें वंदे मन की आँखें खोल। घोटालों में घुटी जिंदगी खोल जरा तू पोल।। वंदे मन की आँखें खोल।। मानव आज बना व्यापारी। इससे सारी दुनिया हारी।... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share Kaushal Kumar Pandey आस 24 May 2023 · 1 min read राम है अमोघ शक्ति ******************************** मूर्ख आज बनें ज्ञानी,इनका न कोई सानी, अर्थ का अनर्थ कर, मूर्खता दिखाते हैं। ******************************** करें राम पे विवाद,जाने नहीं अनुवाद, सदग्रंथ मानस को , गलत बताते हैं। *********************************... Hindi · कविता 1 218 Share Kaushal Kumar Pandey आस 24 May 2023 · 1 min read केहिकी करैं बुराई भइया, केहिकी करैं बुराई भइया, केहिको करैं बखान। कोउ न अपनो परै दिखाई, लुटरे सबहि समान।। कोउ दिखावै देश भगतिवा, कोउ दिखावै दान। मंहगाई मा मरे जात सब, भूखे मरै किसान।।... Hindi · कविता 1 298 Share