kamni Gupta Tag: कविता 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid kamni Gupta 9 Jul 2020 · 1 min read वतन की आन का सवाल होता है। अपने वजूद का जब भी सवाल होता है। वतन का फिर कहां उनको ख्याल होता है। खूब लूटा जिन्होने वतन को इतने सालों में; हार गए तो अब मंहगाई पर... Hindi · कविता 2 4 297 Share kamni Gupta 22 Jun 2020 · 1 min read पापा से सीखा है। हर मुश्किल से यूं उभरना पापा से सीखा है। सत्य मार्ग पर अडिग रहना पापा से सीखा है। अभिमान करना नहीं और स्वाभिमान से जीना; गल्त का साथ न कभी... Hindi · कविता 4 7 476 Share kamni Gupta 17 Jun 2020 · 1 min read तुम लाख दगा करो हैं संस्कार तुम्हारे..... चोट जब स्वाभिमान पर लगती है तो, करारा जवाब फिर मिलता है। तुम लाख दगा करो हैं संस्कार तुम्हारे, पर इक दिन नकाब ये उतरता है। कौन हारा है गिनती... Hindi · कविता 2 7 304 Share kamni Gupta 16 Jun 2020 · 1 min read कविता। एक आम इंसान को फिर खास बनने न दिया। खुद को संभाला बहुत पर ज़ख्म सिलने न दिया। कैसा ये इम्तिहान है जिसमें जीतना मुमकिन नहीं; इक कली को फूल... Hindi · कविता 1 2 417 Share kamni Gupta 12 Mar 2018 · 1 min read कैक्टस ! कैक्टस! जानता हूँ तुम्हें बस फूलों की महक पसंद है, पर मैं तो ठहरा साधारण सा कैक्टस ! जिसमें न महक है और न ही कोई आकर्षण , तुम्हें मैं... Hindi · कविता 545 Share kamni Gupta 12 Mar 2018 · 1 min read लगता है ! लगता है ! होली पे तुम सब भूल कर बड़ाओगे कदम आगे , लगता है सच ही तो है ,क्या रखा है छोटी -छोटी बातों को बड़ाने में बार-बार रुठने... Hindi · कविता 2 544 Share kamni Gupta 27 Aug 2016 · 1 min read खामोश जब मैं हो जाऊंगा खामोश जब मैं हो जाऊंगा। न फिर तुमको नज़र आऊंगा। अब तो कहते हो चले जाओ; यादें मगर ऐसी मैं दे जाऊंगा। बदल जाएगा वक्त और हालात; हर जगह नज़र... Hindi · कविता 470 Share kamni Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read प्रकृति प्रकृति के प्रकोप से सहम गया इन्सां मंज़िल भी पुकारे पर राहें करती हैरां पग-पग आज़माइश है पर न हो परेशां कभी घने कोहरे कभी हिम के निशां चेहरे भी... Hindi · कविता 405 Share kamni Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं। गल्त रास्ते जो चुनते नहीं हैं। भले विरोध मिले कुछ अपनों का भी पर अच्छाई से पीछे हटते नहीं हैं। खुद के हौंसलों... Hindi · कविता 426 Share kamni Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read जिस दिन सरहद पर जाऊंगा बाल कविता बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा! दुशमन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा! मां तुम रोना मत गर वापिस न आऊं मैं ! देश का अपने पर... Hindi · कविता 582 Share kamni Gupta 29 Jul 2016 · 1 min read मैं सिपाही सरहदों को सुरक्षित रखता रहा! खुद को यूंही समर्पित करता रहा!! भेद नहीं आया जाति पंथ का! सबको बस इन्सान समझता रहा!! संभल जाओ अब भी न करो वैर! एकता... Hindi · कविता 564 Share kamni Gupta 28 Jul 2016 · 1 min read सोचता हूँ कभी कभी सोचता हूँ कुछ शब्दों से परे! हो कोई ऐसा भी जो बस खामोशी को समझे!! हम तो सितारों की तमन्ना में रहे तुम तो चांद ठहरे! आसमां से... Hindi · कविता 1 307 Share kamni Gupta 27 Jul 2016 · 1 min read आधुनिक नारी( हास्य कविता ) आधुनिक नारी, यह तो है सब पे भारी। कोई न पाए पार,ऐसी इसमे होशियारी। जीवन इसका व्यस्त बहुत हो दिन चाहे रात मोबाईल पे चला ऊंगलियां है बहुत मारामारी। फैशन... Hindi · कविता 2 2 8k Share kamni Gupta 7 Jul 2016 · 1 min read इंतज़ार आज भी इंतज़ार में वो आंगण तुम्हारा है, बचपन को तुम्हारे याद अब भी वो करता है, तुम व्यस्त हो खबर यह गांव की मिट्टी को भी है, जिसकी सौंधी... Hindi · कविता 231 Share