Kamla Sharma 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kamla Sharma 18 Aug 2017 · 1 min read कर्मपथ जब भी हो कठिन डगर न आंको अपने को कमतर बस धैर्य को बांधे हुए कर्मपथ पर रहो अडिग माना बेशकीमती चीजों की होती है मुश्किल डगर लेकिन समय बताता... Hindi · कविता 2 1 721 Share Kamla Sharma 8 Aug 2017 · 1 min read ये स्वच्छंद सी लड़कियां स्वच्छंद चंचल सी लडकियां दहलीज के उस पार... न जाने कब ... सयानी बन जाती हैं जो आंखों में संजोती थीं हर रोज अपने नये सपने अब वो अपनों की... Hindi · कविता 3 3 617 Share Kamla Sharma 22 Jul 2017 · 1 min read ये रिमझिम फुहारें... जब मैंने उनींदी आंखों से खोले घर के बंद दरवाजे प्रकृति बरसा रही थी नेह की अमृत वर्षा झरोखे से झांक रही थी बारिश की रिमझिम फुहारें इस अलसाई सी... Hindi · कविता 2 436 Share Kamla Sharma 12 Jul 2017 · 1 min read ये रिश्ते... औपचारिकता की चकाचौंध में है एक अजीब सा आकर्षण जिसके वशीभूत होकर मैं भी सोचती रही क्यों हूं मैं ऐसी स्पष्ट और खरी सी। क्यों नहीं ओढ़ पाती ..? औपचारिकता... Hindi · कविता 2 583 Share Kamla Sharma 9 Jul 2017 · 1 min read नदी सी बहती मैं.... मैं वेग हूं जलधारा की, बहती चली सतह पर। पाप-पुण्य का भेद किये बिना, सब जल में समाहित करती चली। दिशा के प्रवाह में प्रवाहित, उद्धेलित लहरों संग। लक्ष्य को... Hindi · कविता 2 1 674 Share Kamla Sharma 8 Jul 2017 · 3 min read आखिर कब तक... यात्रा के दौरान मिले खट्टे-मीठे अनुभव जहां सफर को आसान बनाते हैं वहीं कुछ स्मृतियां हमारे जेहन में रह जाती हैं। ऐसा ही कुछ यात्रा वृतांत आप लोगों से शेयर... Hindi · लेख 1 1 286 Share Kamla Sharma 6 Jul 2017 · 2 min read ये गणित और ये जिंदगी जिंदगी भी गणित के फार्मूले जैसी ही है, समझ में आ जाए तो आसान है वरना इस उलझन से बाहर निकलना मुश्किल है। जब गणित विषय पढ़ा था तब इतना... Hindi · लेख 2 1 492 Share Kamla Sharma 5 Jul 2017 · 1 min read अनंत गहराई तेरी मोहब्बत का, कुछ यूं हुआ असर, हम खुद से ज्यादा, तुझ पर यकीं करने लगे। कभी-कभी लगता है डर, तेरे प्यार की गहराई से, कहीं डूब न जाउं, प्यार... Hindi · कविता 2 2 663 Share Kamla Sharma 5 Jul 2017 · 3 min read मन से गुजरती ट्रेन ट्रेन मेरे लिए एक सफर तय करने का संसाधन मात्र नहीं थीं, इसकी रफ्तार के साथ मेरी जिंदगी की रफ्तार तय होती थी। उनींदी अवस्था में भी ट्रेन सपरट दौड़ा... Hindi · लेख 2 2 533 Share Kamla Sharma 5 Jul 2017 · 1 min read ...नन्हीं परी क्यों कोख में ही हो जाता भेदभाव उस अजन्मी बच्ची से जो कोख से प्रस्फुटित हो ..... अंकुरित होने को है व्याकुल इस गर्भ गृह से निकलने की उसकी अभिलाषा... Hindi · कविता 3 1 410 Share Kamla Sharma 4 Jul 2017 · 5 min read परवाह सौम्या गांव में पली बड़ी एक सरल स्वभाव की लड़की थी। उसने गांव में रहकर ही शिक्षा प्राप्त की थी, सौम्या बाहरी दुनिया से बेखबर थी। पढ़ने के लिए स्कूल... Hindi · कहानी 2 1 933 Share Kamla Sharma 4 Jul 2017 · 1 min read ...तुम केंद्र हो जीवन वृत्त की नारी तुम सिर्फ जीवन वृत्त नहीं इस वृत्त की केंद्र बिंदु हो चाहे इसके चारों ओर परिधि की हो लकीरें खीचीं केंद्र हो फिर भी तुम क्यों इस परिधि में... Hindi · कविता 1 1 315 Share