B anand 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid B anand 31 Mar 2025 · 1 min read अथक सब धुल गया सागर किनारे रेत की तरह, कुछ दिल में बसे थे अरमां, यूं टूटे एक फरेब की तरह.. Hindi 1 26 Share